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प्रशासन की उदासीनता से राज्य में गोहत्या व गो तस्करी जारी :विहिप

विश्व हिंदू परिषद गोरक्षा विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख त्रिलोकीनाथ बागी ने कहा कि प्रशासन की उदासीनता के कारण गो हत्या और गो तस्करी हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 07:35 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 07:35 PM (IST)
प्रशासन की उदासीनता से राज्य में गोहत्या व गो तस्करी जारी :विहिप
प्रशासन की उदासीनता से राज्य में गोहत्या व गो तस्करी जारी :विहिप

जागरण संवाददाता, रांची : विश्व हिंदू परिषद गोरक्षा विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख त्रिलोकीनाथ बागी ने कहा कि झारखंड में गोरक्षा कानून लागू है फिर भी सरकार व प्रशासन की उदासीनता से गोहत्या और गो तस्करी हो रही है। जब गोरक्षक इसका विरोध करते हैं तो उन्हें झूठे में फंसा दिया जाता है। गो तस्करों को कोई पूछता नहीं। यह सब बिना प्रशासन के मिलीभगत के संभव नहीं। वे सोमवार को विहिप प्रांत कार्यालय में पत्रकारों के साथ बात कर रहे थे। उन्हें गोहत्या और गो तस्करी पर सीधे-सीधे प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि गोधन कभी भी अनुपयोगी नहीं हैं। गोबर, गोमूत्र कई चीजें बनाई जा रही हैं। मच्छर मारने की अगरबत्ती, खाद, कीट आदि तैयार किया जा रहा है। अभी कोलकाता में गोबर गैस के माध्यम से कम से कम 12 बसें चल रही हैं। झारखंड एवं बिहार में कई परिवार एक बूढ़ी गाय को 50 रुपये का चारा खिलाकर लगभग 500 रुपये प्रतिदिन धनार्जन कर रहे हैं। इस प्रकार पंचगव्य आधारित सामान बनाकर हम गाव-गाव में गो क्रांति कर सकते हैं। इससे एक कुटीर उद्योग का जाल बिछ सकता है।

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बैठक में गौरक्षा प्रमुख गिरजा शकर पाडे, प्रात मंत्री उमाशकर सिंह, समन्वय मंच के प्रात प्रमुख अशोक अग्रवाल, वरीय उपाध्यक्ष देवी प्रसाद शुक्ला, उपाध्यक्ष राजेंद्र दुबे, प्रात मंत्री उमाशकर सिंह, सह मंत्री धनेश्वर गुप्ता, प्रदेश गौशाला समिति के संयुक्त सचिव प्रमोद सारस्वत, प्रचार प्रसार विभाग प्रमुख अमर प्रसाद, सौम्या मिश्रा सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे। बागी ने सरकार के सामने कई मांग रखी-

1) झारखंड के सभी ग्राम में गोचर भूमि मुक्त कराकर गौ अभ्यारण का निर्माण कराया जाए

2) जिला पशु क्रूरता निवारण समिति में गौ रक्षकों को शामिल किया जाए।

3) गोवंश आधारित कृषि को प्रोत्साहित किया जाए

4) गोरक्षकों पर लगे सभी केस मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएं

5) गौ सेवा आयोग का गठन किया जाए

6) गोतस्करी के केंद्र साप्ताहिक हाटों को बंद किया जाए


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