Move to Jagran APP

Jharkhand: रांची में अब इस्तेमाल हो चुके खाने के तेल से चलेंगी गाड़ियां

रांची में अब खाने के तेल से गाड़ियां चलेंगी। जी हां फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर से इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पहले चरण में विभाग की ओर से रांची में एक सर्वे किया जा रहा है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 12:43 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 12:43 PM (IST)
Jharkhand: रांची में अब इस्तेमाल हो चुके खाने के तेल से चलेंगी गाड़ियां
Jharkhand: रांची में अब इस्तेमाल हो चुके खाने के तेल से चलेंगी गाड़ियां। जागरण

रांची, जासं । रांची में अब खाने के तेल से गाड़ियां चलेंगी। जी हां, फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर से इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पहले चरण में विभाग की ओर से रांची में एक सर्वे किया जा रहा है। जिसमें शहर से प्रतिदिन कितना लीटर खाद्य तेल वेस्ट के रूप में निकलता है। इसकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है। इसके बाद इस तेल को प्रोसेसिंग के माध्यम से बायो डीजल में बदला जाएगा। और फिर उसका उपयोग ईंधन के रूप में हो सकेगा। इससे दोहरा फायदा होगा। पहला रेहड़ी वाले वेस्ट खाद्य तेल को बेंच देंगे। इससे पहला लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। व दूसरा इसका इस्तेमाल बायोडीजल के रूप में हो जाएगा।

loksabha election banner

रांची में हैं 12 हजार फूड लाइसेंसधारी

रांची में करीब 12 हजार फूड लाइसेंसधरी हैं, हालांकि तीन हजार प्रतिष्ठान या फूड लाइसेंस ही खाद्य तेलों का इस्तेमाल करते हैं। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट का मानना है कि इससे करीब सात हजार लीटर अनुपयोगी खाद्य तेल हासिल हो जाएगा। जिन रेहड़ी या होटल वालों से खाद्य तेल लिए जाएंगे। उन्हें एवज में कुछ निर्धारित राशि दी जाएगी। कई बार इस्तेमाल कि गए तेल को फेंक देते हैं। ऐसे में जमीन के भीतर जाकर वह नुकसान ही पहुंचाता है।

यूज्ड कुकिंग आयल से बढ़ जाती है दिल की बीमारियां

रिम्स के डॉ. संजय सिंह ने बताया कि यूज्ड आयल के इस्तेमाल करने से सैचुरेटेड फैट काफी बढ़ जाता है। इससे दिल की बीमारी बढऩे की शिकायत बढ़ जाती है। इसलिए हृदय रोगियों को भी इससे बचना चाहिए। इससे रक्त में कैलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती है। तेल से पेट और लीवर संबंधित बीमारी होती है।

बायोडीजल के लिए एजेंसी का किया जाएगा चयन

खाद्य तेल से बायोडीजल को तैयार करने और तेल को संग्रहित करने के लिए एक एजेंसी का चयन किया जाएगा, जो एक निश्चित तिथि में सभी प्रतिष्ठानों में जाकर तेल का कलेक्शन करेगा और एक निर्धारित राशि होटल या दुकानों को देगा।

फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की पहल से अब खाद्य तेलों को बायोडीजल में कन्वर्ट किया जाएगा। इसके लिए यूज्ड आयल को विभिन्न संस्थानों से उठाया जाएगा। इसके एवज में उन्हें कुछ राशि भी दी जाएगी। जल्द ही इसकी व्यवस्था शुरू होगी। संस्थानों को चिह्नित कर लिया गया है, जहां से तेल का उठाव करना है। -डॉ एसएस कुल्लू, फूड सेफ्टी ऑफिसर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.