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मौसम ने ली करवट तो बढ़ा गर्म कपड़ों का कारोबार

गुनगुनी ठंड ने रांची में दस्तक दे दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 06:06 AM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 06:06 AM (IST)
मौसम ने ली करवट तो बढ़ा गर्म कपड़ों का कारोबार
मौसम ने ली करवट तो बढ़ा गर्म कपड़ों का कारोबार

जासं, रांची : गुनगुनी ठंड ने रांची में दस्तक दे दी है। रात और सुबह के वक्त हल्का कोहरा और ठंड महसूस की जा रही है। ऐसे में लोग सुबह और शाम गर्म कपड़ों में लिपटे दिख रहे हैं। लोगों की जरूरतों को देखते हुए रांची के हरमू बाजार, रातू रोड, कोकर, बरियातू, अरगोड़ा के साथ थोक मार्केट अपर बाजार में गर्म कपड़ों और कंबल की दुकानें सज गई हैं। वहीं गर्म कपड़ों की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कंबल, गर्म एवं ऊनी कपड़े आदि प्रदर्शित किए जा रहे हैं। लोग अपनी जरूरत के मुताबिक गर्म एवं ऊनी कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं। इससे कपड़ा बाजार में रौनक आ गयी है।

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लुधियाना का माल पहुंचा:

अपर बाजार में कंबल के थोक विक्रेता नरेश अग्रवाल बताते हैं कि रांची के व्यापारियों ने सितंबर के महीने में अपना माल आर्डर कर दिया था। करीब 15 दिन से एक महीने में व्यापारियों को आर्डर मिल जाता है। ऐसे में अपने यहां बाजार में माल पूरा भर गया है। रांची की सर्दी के लिए लुधियाने का कंबल हमेशा से पसंद किया जाता रहा है। इस बार भी ग्राहकों के लिए नई रेंज आ चुकी है। जबकि स्वेटर, जैकेट, पुलोवर, लोई, शाल, और लेडिज के लिए गर्म कपड़ों का फैशन हर वर्ष थोड़ा बहुत बदलता है। इस वर्ष भी बाजार में एकदम फ्रेश स्टाक नई डिजाइन के साथ मंगवा लिए गए हैं। नरेश अग्रवाल बताते हैं कि हर वर्ष दीवाली के बाद सर्दियों के कपड़ों की बिक्री शुरू होती थी। मगर इस वर्ष दीवाली देर से होने और ठंड शुरू हो जाने के कारण अभी से बिक्री तेज हो रही है। रांची के बाजार में अमृतसर, लुधियाना, पानीपत, दिल्ली और कोलकाता से गर्म कपड़े थोक में मंगाए जाते हैं।

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कम उधार और ज्यादा पेमेंट से पड़ रहा व्यापार पर असर:

लाकडाउन के बाद व्यापार के स्वरूप में काफी बदलाव आया है। रांची में करीब 100 गर्म कपड़ों के थोक व्यापारी हैं। वहीं 500 से ज्यादा खुदरा दुकानदार गर्म कपड़े और कंबल आदि की बिक्री करते हैं। सर्दी के कारण यहां सर्दी में मेंस सूट के अलावा कंबल, लोई, शॉल, लेडीज गर्म सूट, कॉट्सवूल आदि की खूब बिक्री होती है। पहले व्यापार का स्वरूप कुछ ऐसा था कि व्यापारी थोक मंडी से अपना माल आर्डर करके मंगवा लेते थे। कुछ माल निकल जाने के बाद पेमेंट किया जाता था। मगर अब थोक मंडी के व्यापारी उधार माल देने से इन्कार कर रहे हैं। मंडी के व्यापारियों का कहना है कि लाकडाउन के कारण पहले से उनकी पूंजी फंसी हुई है। अगर उधार दे दिया तो स्टाफ का वेतन तक नहीं दे पाएंगे। हालांकि व्यापारियों ने अभी माल मंगवा लिया है। मगर दूसरी खेप पहला स्टाक पूरा निकलने के बाद ही मंगाएंगे।

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प्रतिक्रिया

दशहरा बाद अचानक से ठंड बढ़ जाने से बच्चों के लिए गर्म कपड़ों की जरूरत पड़ रही है। बाजार में बेहतरीन के लिए गर्म कपड़ों का कलेक्शन मौजूद है।

- विनिता विहानी, ग्राहक पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष कपड़ों के दाम कुछ अधिक है। हालांकि क्वालिटी और कलेक्शन पूरे बाजार में बेहतरीन है। गर्म सूट और शाल भी काफी अच्छे डिजाइन में उपलब्ध है।

- कंचन सोमानी, ग्राहक।


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