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झारखंड: अधिग्रहित जमीन का उपयोग नहीं हुआ तो रैयतों को होगा वापस

सरकार रैयत को जमीन वापस करने के लिए एक माह के भीतर कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर नियम बदलेगी। उद्यमियों के लिए अधिग्रहित जमीन रैयतों को वापस कर दिया जाएगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 08:23 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 08:23 PM (IST)
झारखंड: अधिग्रहित जमीन का उपयोग नहीं हुआ तो रैयतों को होगा वापस
झारखंड: अधिग्रहित जमीन का उपयोग नहीं हुआ तो रैयतों को होगा वापस

रांची, राज्य ब्यूरो। जिंदल समेत अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा अधिग्रहित जमीन का उपयोग यदि पांच साल तक नहीं हुआ है, तो वह जमीन रैयतों को वापस की जाएगी। शुक्रवार को विधानसभा में विधायक प्रदीप यादव के सवाल के जवाब में राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार मंत्री जगरनाथ महतो ने यह भरोसा दिलाया। प्रदीप यादव ने अल्पसूचित प्रश्न काल के दौरान  गोड्डा व अन्य क्षेत्रों में रैयतों द्वारा लगातार उठाई जा रही जमीन वापसी का मामला उठाया और पूछा कि क्या सरकार भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्रावधानों के तहत रैयतों को जमीन वापस करेगी।

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जवाब में मंत्री जगरनाथ महता ने भी स्पष्ट किया कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में यह प्रावधान है कि जिस जमीन का अधिग्रहण किया गया यदि उस पर पांच साल काम नहीं किया गया, तो उसे रैयत को वापस करना है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने नियम बदलते हुए जमीन लैंड बैंक को वापस करने का नियम बना दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार रैयत को जमीन वापस करने के लिए एक माह के भीतर कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर नियम बदलेगी और देवघर के देवीपुर में एम्स के अलावा अन्य जमीन जो उद्यमियों के लिए अधिग्रहित की गई है, उसे उन्हें वापस कर दिया जाएगा।

जिंदल ने अब तक प्रारंभ नहीं किया पावर प्लांट का निर्माण

सरकार के जवाब में बताया गया है कि जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड द्वारा सुंदर पहाड़ी प्रखंड एक मौजा में 2.21 एकड़ एवं गोड्डा प्रखंड के ग्यारह मौजा में 832.63 एकड़ की अधियाचना की गई थी। इसमें गोड््डा प्रखंड के दो मौजा निपनियां मौजा में 76.6742 एकड़ एवं वारिसटांड मौजा में 139.481 एकड़ कुल 216.1552 एकड़ भूमि अधिग्रहण कर 15 अप्रैल 2015 को दखल-दिहानी अधियाची विभाग को दी गई है। जवाब में यह भी बताया गया है कि जिंदल कंपनी द्वारा उक्त भूमि में आंशिक चारदीवारी एवं भूमि समतलीकरण किया गया है। लेकिन, पॉवर प्लांट का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। भूमि जिंदल कंपनी के कब्जे में है।

जियाडा द्वारा हस्तांतरित जमीन

  1. एम्स : 169.10 एकड़
  2. प्लास्टिक पार्क : 93.09 एकड़
  3. उद्यमियों को आवंटित जमीन : 49.87 एकड़
  4. आधारभूत संरचना में कुल आवंटित भूमि : 342.06 एकड़

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