Move to Jagran APP

Jharkhand: विश्वविद्यालय डिजाइन करेंगे अब आनलाइन पाठ्यक्रम, परीक्षाओं में हो सकेगी निगरानी

कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के बीच शिक्षा व्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। दो वर्ष के अनुभव को संज्ञान में लेकर अब राज्य विश्वविद्यालय वर्तमान समय की जरूरतों के अनुसार आन लाइन पाठयक्रम बनाने पर विचार कर रहे हैं। फिलहाल इसे वैकल्पिक रूप से शामिल किया जा सकता।

By Vikram GiriEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 04:20 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 04:20 PM (IST)
Jharkhand: विश्वविद्यालय डिजाइन करेंगे अब आनलाइन पाठ्यक्रम, परीक्षाओं में हो सकेगी निगरानी
Jharkhand: विश्वविद्यालय डिजाइन करेंगे अब आनलाइन पाठ्यक्रम। जागरण

रांची [प्रणय कुमार सिंह] । कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के बीच शिक्षा व्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। दो वर्ष के अनुभव को संज्ञान में लेकर अब राज्य विश्वविद्यालय वर्तमान समय की जरूरतों के अनुसार आन लाइन पाठयक्रम बनाने पर विचार कर रहे हैं। फिलहाल इसे वैकल्पिक रूप से शामिल किया जा सकता है। कुछ वर्षों के अनुभव के आधार पर इसमें आगे सुधार किया जा सकेगा। कुछ शिक्षाविदों की ओर से इस बारे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को सुझाव भेजे गए हैं। इसमें कहा गया है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी को यथाशीघ्र लागू किया जाएगा। इसमें तकनीक आधारित शिक्षा प्रणाली पर बल दिया जाएगा।

loksabha election banner

महाविद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालयों तक को आनलाइन एजुकेशन के लिए पूरी तरह तैयार करने का समय आ गया है। झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी की ओर से आनलाइन पठन-पाठन व परीक्षा प्रणाली को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. प्रदीप कुमार मिश्रा ने कहा कि वर्तमान समय की चुनौतियों से निपटने के लिए सबसे पहले शिक्षकों की ट्रेनिंग जरूरी है।

यह मान लेना चाहिए कि अब आनलाइन कक्षाओं का संचालन ही बेहतर तरीके से करना है। तकनीक के सारे टूल्स को समझना पड़ेगा। टूल्स का उपयोग कर टीचिंग व लर्निंग को बेहतर करने पर जोर देना होगा। अधिक से अधिक वर्चुअल लैब की तैयारी करनी होगी। पढ़ाई के बाद परीक्षा सिस्टम को भी आनलाइन करना है। इसके नाम पर खानापूर्ति वाला रवैया छोड़ना पड़ेगा। कई कंपनी ऐसी सुविधा दे रहा है जिसमें परीक्षा आयोजन में सुपरिटेंडेंट, प्रोक्टर (निरीक्षक) व विद्यार्थी तीनों कैमरे के तीन विंडों में रहेंगे और परीक्षा बेहतर तरीके से होगी। हम अपने विवि में इसी तरह परीक्षा आयोजन की तैयारी कर रहे हैं।

कोरोना से सभी क्षेत्र प्रभावित हुआ है, लेकिन शिक्षा की कमर तोड़ दिया है। अब हमें आधे-अधूरे नहीं बल्कि पूरे तन मन के साथ धन से भी आनलाइन मोड की ओर बढ़ना होगा। ऑनलाइन में इंटरएक्टिव क्लास पर फोकस करना जरूरी है। शिक्षक घर से क्लास लेते हैं। इससे पढ़ाई का माहौल नहीं बनता है। कुछ सेंटर बनाने की जरूरत है, जहां सभी शिक्षक जुटें और वहीं से कक्षा लें। इस सेंटर में ऑनलाइन क्लास के लिए सभी संसाधन से युक्त होना चाहिए। जिन विषयों में प्रैक्टिकल होता है उनके छात्रों की आफलाइन प्रैक्टिकल भी जरूरी है। निचली कक्षा में कहते हैं कुछ छूटा है तो आगे सीख लेंगे। लेकिन उच्च शिक्षा में कहां सीखेंगे। -डा. एम. रजीउद्दीन, वीसी, राधागोविंद विवि

बीते एक साल में आनलाइन पठन-पाठन से लेकर परीक्षा के आयोजन में भी लगातार सुधार हो रहा है। इसमें आने वाले दिनों में और भी बहुत सारे सुधार की जरूरत है। अच्छी बात है कि शिक्षक तकनीक को अपना रहे हैं। पढ़ाई को अधिक से अधिक इंटरएक्टिव कैसे बनाया जाए इस पर ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षक व छात्र दोनेां केा अधिक समय देना होगा। बीते वर्ष आनलाइन के लिए शिक्षक व छात्र नए थे, अब हमारे पास अनुभव है। पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके से विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए इंटरनेट की सुलभता पर ध्यान देना होगा।- डा. कामिनी कुमार, वीसी, रांची विवि

मैने शिक्षा मंत्रालय से लिखित आग्रह किया है कि न्यू एजुकेशन पालिसी को यथाशीघ्र लागू करने पर विचार किया जाएगा। नई योजना के अनुसार उच्च शिक्षा में अपेक्षित बदलाव की आवश्यकता है। शिक्षण संस्थानों को तकनीकी रूप से विकसित करना होगा। वर्चुअल क्लास रूम और स्मार्ट क्लास रूम की अवधारणा को जल्द से जल्द लागू कराना होगा। वर्तमान में अलग-अलग उच्च शिक्षण संस्थानों में अलग-अलग तरीके से पठन-पाठन कराया जा रहा है। कहीं जूम, कहीं गूगल तो कहीं टीचमिंट एप का इस्तेमाल हो रहर है। वैकल्पिक तरीकों की जगह कक्षाओं से लेकर परीक्षाओं तक के लिए स्थानी समाधान खोजना होगा। - प्रो. आरके सिंह, पूर्व प्रोवीसी, केयू सह प्रोफेसर बीआइटी सिंदरी

शिक्षाविदों की ओर से दिए जा रहे अहम सुझाव

-राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों की कमेटी बनाकर आनलाइन के अनुसार पाठ्यक्रम का समायोजन किया जाए

-आनलाइन परीक्षा आयोजित करने के अनुसार प्रश्न पत्र तैयार करने का स्वरूप का निर्धारण हो

-राज्य विश्वविद्यालय अपनी जरूरतों के अनुसार इसमें संशोधन और संवर्धन कर सकें

- राष्ट्रीय स्तर के उच्च शिक्षा के विद्वानों के सुझाव इस पर आमंत्रित किए जाएं

-छात्रों की संख्या के अनुपात में सभी विश्वविद्यालयों कॉलेजों में कंप्यूटर लैब स्थापित किए जाएं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.