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Vat Savitri Vrat: 12000 सुहागिनों को 1500 पुरोहित दिलाएंगे शपथ... दक्षिणा में संकल्प, आशीर्वाद में पौधा... वट सावित्री पर अनूठी पहल

Vat Savitri Vrat 30th May 2022 सर्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ ने हजारीबाग जिले में यह अनूठी पहल की है। वट सावित्री पूजा पर यहां 1500 पुरोहित 12 हजार सुहागिनों को पर्यावरण संरक्षण का शपथ दिलाएंगे। आशीर्वाद स्वरूप बरगद और पीपल का पौधा वितरित होगा।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 04:16 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 04:18 PM (IST)
Vat Savitri Vrat: 12000 सुहागिनों को 1500 पुरोहित दिलाएंगे शपथ... दक्षिणा में संकल्प, आशीर्वाद में पौधा... वट सावित्री पर अनूठी पहल
Vat Savitri Vrat: 12000 सुहागिनों को 1500 पुरोहित दिलाएंगे शपथ... दक्षिणा में संकल्प, आशीर्वाद में पौधा

हजारीबाग, (अरविंद राणा)। Vat Savitri Vrat 30th May 2022 वट सावित्री पर बरगद की पूजा आम बात है। सावित्री और सत्यवान की कथा सुनना भी सब जानते हैं। महिलाएं पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं, यह बात भी सबको पता है। इस वर्ष 30 मई को वट सावित्री पूजा के दिन हर जगह यह रस्म दोहराई जाएगी। लेकिन झारखंड के हजारीबाग जिले में इस दिन कुछ खास होने वाला है। जी हां, यहां वट सावित्री पूजा के दिन 12 हजार सुहागिनें पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेंगी। 1500 पुरोहित शपथ दिलाने के लिए उस दिन उपस्थित रहेंगे। इसकी पहल की है- सर्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ ने।

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सनातन धर्म में पर्यावरण संरक्षण का महत्व सदियों से चला आ रहा है। सनातन धर्म के प्राय: सभी पर्व त्योहार हमें प्रकृति से जोड़ने और जुड़कर रहने का संदेश देते हैं। इसका जीवंत उदाहरण बिहार-झारखंड का लोक पर्व छठ भी है। वट सावित्री पूजा का भी एक संदेश पर्यावरण संरक्षण है। ऐसे पेड़ की पूजा जो मनुष्य जीवन के लिए बेहद उपयोगी और जरूरी है। देश भर में पूजन की परंपरा तो बढ़ी है, लेकिन बरगद और पीपल की संख्या निरंतर घटती जा रही है। इसके रोपण को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह की भ्रांतियां भी हैं। अब इस भ्रम को दूर करने के लिए सर्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ ने पहल की है। इसकी शुरुआत वट सावित्री पूजन दिवस से किया जा रहा है।

घर-घर जाकर दी जा रही लोगों को जानकारी

सर्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ के बैनर तले वट सावित्री पूजा के दिन एक भव्य आयोजन प्रस्तावित है। इस दिन 1500 पुरोहित केवल पूजन ही नहीं कराएंगे, बल्कि 12000 सुहागिनों को पति के दिघार्यु होने की कामना के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का शपथ भी दिलाएंगे। महासंघ के सदस्य इस आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं। घर-घर इसकी जानकारी दी जा रही है। अधिक से अधिक महिलाओं को कार्यक्रम में शामिल करने की कवायद जारी है। महिलाएं भी इस आयोजन को लेकर उत्साह से भरी नजर आ रही हैं।

आशीर्वाद में मिले पौधा का रोपण करना होगा

सर्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ की ओर से बाबत पत्र जारी किया गया है। बैठक कर लोगाें को आयोजन कर जानकारी दी जा रही है। पत्र में उद्देश्य की जानकारी दी गयी है। कहा गया है कि पुरोहित पूजन के बाद आशीर्वाद के रूप में बरगद या पीपल का पौधा उपहार देंगे। वहीं, दक्षिणा के रूप में वट सावित्री पूजन के दिन महिलाओं को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेना होगा। महासंघ की ओर से जो पौधा उपलब्ध कराया जाएगा, उसका रोपण करना होगा।

इसलिए लोगों का भ्रूम दूर करने की कवायद

सर्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ के जिला महासचिव अधिवक्ता अमित मिश्रा ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि सनातन संस्कृति में पीपल और बरगद जीवन और मोक्षदायिनी हैं। गांव समाज में भ्रम के कारण पीपल व बरगद लोग नहीं लगा रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में पर्यावरण के लिए समस्या खड़ी हो जाएगी। महासंघ गांवों में पौधरोपण को लेकर फैले भ्रम को दूर करने के लिए यह अभियान चला रहा है। अधिक से अधिक लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। वट सावित्रि पूजन के दिन कथा के माध्यम से इसके महत्व पर प्रकाश डाला जाएगा। सुहागिनों को संरक्षण और पौधरोपण के प्रति प्रेरित भी किया जाएगा।


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