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रांची से भेजी गईं 21 लड़कियों की ट्रैफिकिग की सूचना पर चेन्नई एयरपोर्ट पर रोका

रांची से फ्लाइट से चेन्नई भेजी गईं 21 लड़कियों को ह्यूमन ट्रैफिकिग की सूचना पर रोक दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 06:06 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 06:06 AM (IST)
रांची से भेजी गईं 21 लड़कियों की ट्रैफिकिग की सूचना पर चेन्नई एयरपोर्ट पर रोका
रांची से भेजी गईं 21 लड़कियों की ट्रैफिकिग की सूचना पर चेन्नई एयरपोर्ट पर रोका

जासं, रांची : रांची से फ्लाइट से चेन्नई भेजी गईं 21 लड़कियों को ह्यूमन ट्रैफिकिग की सूचना पर शुक्रवार को चेन्नई एयरपोर्ट पर रोक लिया गया। चेन्नई एयरपोर्ट अथॉरिटी और वहां की स्थानीय पुलिस ने लड़कियों की ह्यूमन ट्रैफिकिग से संबंधित बिदु पर छानबीन की। बाद में वहां के सीडब्ल्यूसी भी मौके पर पहुंचीं और छानबीन की। इन बच्चियों को रांची से चेन्नई भेजे जाने की सूचना झारखंड अगेंस्ट ह्यूमन ट्रैफिकिग के प्रदेश संयोजक राजा दुबे ने चेन्नई पुलिस और चेन्नई एयरपोर्ट अथॉरिटी को दी थी। ईमेल के माध्यम से भेजी गई सूचना में बताया गया था कि 21 नाबालिग लड़कियों को ट्रैफिकिग कर चेन्नई में नौकरी दिलाने के नाम पर ले जाया गया है। इस सूचना के बाद स्थानीय प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने छानबीन शुरू की। राजा दुबे के दावे के अनुसार बच्चियों को सीडब्ल्यूसी ने अपनी सुरक्षा में लेकर जांच शुरू कर दी है। यह दावा रांची के सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी का भी है। हालांकि बच्चियों को भेजने वाले मिशन नवनिर्माण संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर का दावा है कि बच्चियों को विधिवत प्रक्रिया पूरी करने के बाद चेन्नई भेजा गया है। वहां पूरी तरह से सत्यापन के बाद जिस कंपनी में काम के लिए भेजा गया है वहां के लिए रवाना कर दिया गया है। किसी भी तरह से ह्यूमन ट्रैफिकिग नहीं की गई है। सभी बच्चियां बालिग हैं। दोनों पक्षों के अलग-अलग दावे के बीच इस पूरे मामले की रांची पुलिस भी जांच कर रही है।

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सुबह फ्लाइट से एयरपोर्ट से रवाना होते ही दी गई सूचना :

झारखंड अगेंस्ट ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट के राजा दुबे के अनुसार शुक्रवार की सुबह बच्चियों को फ्लाइट से चेन्नई के लिए रवाना किया गया। इसकी सूचना मिलने के बाद तत्काल चेन्नई एयरपोर्ट अथॉरिटी और वहां की पुलिस को सूचना दी गई। इससे पता चला कि फ्लाइट से केवल कंपनी के मैनेजर वहां पहुंचे थे। बच्चियों को पहले मुंबई एयरपोर्ट पर उतारा गया था, इसके बाद चेन्नई भेजा गया है। इस तरह फ्लाइट बदल कर भेजा जाना भी संदेहास्पद लग रहा है। इधर मिशन नवनिर्माण संस्था के दावे के अनुसार बच्चियों का पहले रांची एयरपोर्ट में सत्यापन हुआ फिर मुंबई एयरपोर्ट में भी सत्यापन किया गया। बाद में चेन्नई एयरपोर्ट और पुलिस ने सत्यापन के बाद सभी को छोड़ा है।

श्रमाधान होटल में रजिस्टर करने के बाद भेजी गई थी लड़कियां :

मिशन नव निर्माण संस्था के दावे के अनुसार रोजगार के लिए राज्य से बाहर भेजने से पहले झारखंड के श्रम विभाग के पोर्टल श्रमाधान में सभी का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके बाद सूचना दी जाती है। इस पूरी प्रक्रिया को पूरी करने के बाद ही बच्चियों को भेजा गया है।

नाबालिग बच्चियों की ह्यूमन ट्रैफिकिग नहीं हुई है। सभी बच्चियां बालिग हैं। कई जगहों पर बच्चियों के डाक्यूमेंट्स का सत्यापन किया गया है। विधिवत प्रक्रिया पूरी करने के बाद सभी को भेजा गया है।

विनोद कुमार सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर मिशन नवनिर्माण संस्था।

नाबालिग बच्चियों की ह्यूमन ट्रैफिकिग की सूचना पर सीडब्ल्यूसी चेन्नई को भी सूचना दी गई है। वहां की सीडब्ल्यूसी इस पूरे प्रकरण की छानबीन कर रही है। आधार कार्ड बच्चियों की उम्र का प्रमाण नहीं होता इस वजह से अलग-अलग पहलुओं पर जांच चल रही है। रांची की सीडब्ल्यूसी की जांच कर रही है।

रूपा कुमारी, अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी रांची।


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