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नहाने पर आफत, पशुओं के भी सूख रहे हलक

इस गांव में भौगोलिक वजहों से समस्याएं अपनी जगह हैं लेकिन पेयजल की समस्या विकराल

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 07:30 AM (IST)
नहाने पर आफत, पशुओं के भी सूख रहे हलक
नहाने पर आफत, पशुओं के भी सूख रहे हलक

चुटूपाल : इस गांव में भौगोलिक वजहों से समस्याएं अपनी जगह हैं लेकिन पेयजल की समस्या विकराल होती जा रही है। अब तो पीने के साथ नहाने के लिए भी पानी मिलना मुश्किल हो रहा है। ओरमाझी प्रखंड के चुटूपालु पंचायत के अंतर्गत खीराबेड़ा आदिवासी बहुल गाव है। पहाड़ की टुगरी में बसे इस गांव में छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटे तीन टोले हैं। इस गाव मे वर्षो से पेयजल की समस्या रही है। यहां लगभग आठ चापानल हैं पर दो को छोड़ कर सभी बेकार पडे़ हैं। जलस्तर नीचे चले जाने के कारण गर्मी तो क्या ठंड के दिनों में भी पानी नही निकलता है। एक तालाब है जहां लोग नहाते-धोते व अन्य काम करते थे। वह भी सूख गया है। इससे ग्रामीणों के सामने विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। गाव में दो-तीन कुएं ऐसे हैं जिनमें कुछ पानी है। इन कुओं से पानी निकालने के लिए सुबह से ही लाइन लग जाती है। एक डाडी है वहा महिलाएं स्नान करने के लिए अपनी अपनी बारी का इंतजार करती रहती हैं। हालत यह है कि पानी की कमी के चलते कई दिनों तक ग्रामीण नहाते नहीं हैं। तालाब सूख जाने से पशुओं को भी पीने के लिए पानी नसीब होना मुश्किल हो रहा है। गाव के समाजिक कार्यकता मनोज बेदिया, त्रिवेणी बेदिया, कृष्णा बेदिया, पारस बेदिया आदि ने बताया कि यह गाव पहाड़ की तलहटी मे बसा है। यहां समस्याओं का अंबार है लेकिन सबसे बड़ी समस्या पानी की है जो सालों से चल रही है। जल स्तर काफी नीचे होने के कारण अधिकतर कुओं में बरसात का पानी सूख जाता है। एक दो चापानल को छोड़ कर बाकी हमेशा खराब ही रहते हैं। जब तक यहा पानी का टंकी लगाकर पाइपलाइन से घर-घर पानी की आपूर्ति नहीं की जाएगी तब तक समस्या दूर होनी मुश्किल है।

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