रांची में चार किमी तय करने में लगते हैं दो घंटे
रांची, जागरण संवाददाता। राजधानी की सड़कों पर शाम में निकलना अपने लिए मुसीबत खड़ी करना है। सड़कों पर वाहनों की भारी भीड़ और हर ओर से चिल्लाते लोग आपको शहर की बेबसी और लाचारी की याद दिलाएंगे। नागरिक ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं और व्यवस्था घुटने टेकती नजर आती है।
रांची, जागरण संवाददाता। राजधानी की सड़कों पर शाम में निकलना अपने लिए मुसीबत खड़ी करना है। सड़कों पर वाहनों की भारी भीड़ और हर ओर से चिल्लाते लोग आपको शहर की बेबसी और लाचारी की याद दिलाएंगे। नागरिक ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं और व्यवस्था घुटने टेकती नजर आती है। आपके सामने किसी भी ओर से गाड़ी आ सकती है और आप सड़क के एक ही हिस्से में घंटों खड़े रह सकते हैं।
यूं तो शहर का हर हिस्सा शाम में जाम से जूझता नजर आता है, लेकिन कोकर से फिरायालाल तक का सफर आपको ब्लड प्रेशर का रोगी बना सकता है। महज चार किमी के सफर को तय करने में यात्रियों को दो घंटे से भी ज्यादा का वक्त लग रहा है। कोकर से फिरायालाल तक जाने में कुछ ऐसे प्वाइंट हैं, जहां जाम लगना हर रोज की बात है। इसका समय भी तय है। शाम पांच बजे के बाद से रात नौ बजे तक यही स्थिति रहती है। लेकिन केवल लालपुर और प्लाजा चौक को छोड़ कर किसी भी स्थान पर एक भी पुलिस का सिपाही खड़ा नहीं दिखता है। जाम के लिए वाहनों की संख्या से ज्यादा अव्यवस्था जिम्मेवार है।
तीन ओर से आती है गाड़ियां, नहीं है एक भी ट्रैफिक पुलिस का जवान : कोकर रोड से रिम्स जाने वाली सड़क के पास तीन ओर से गाड़ियां आती है। एक ओर के वाहनों को रोक कर दूसरी ओर जाने जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। सभी ओर की गाड़ियां बीच में आकर फंस जाती हैं। अगर आप कार में हैं तो यहां से निकलने में आपको घंटे भर का समय लग सकता है। इतनी भीड़ के बावजूद यहां ट्रैफिक पुलिस का एक भी जवान नजर नहीं आता है।
सड़क पर पार्किंग कर रही नाक में दम : लालपुर से आगे बढ़ते ही प्लाजा चौक के पहले सड़क पर कतार से गाड़ियां लगी रहती हैं। सड़क पर पार्किंग के कारण रोड संकरी हो जाती है। ऐसे में एक साथ दो वाहनों के भी आने से जाम की स्थिति पैदा होती है। यही स्थिति प्लाजा चौक के बाद भी है। ऑटो के लिए कोई स्टैंड नहीं है। सभी ऑटो सड़क पर ही खड़े रहते हैं। इस स्थिति का सीधा असर सड़क जाम के रूप में दिखता है।