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झारखंड के 3500 ट्रांसजेंडरों के समक्ष रोजी रोटी का संकट, लाॅकडाउन से बढ़ी चिंता

Jharkhand News Corona Samachar ट्रेनों का परिचालन सामान्य नहीं होने से ट्रांसजेंडर के आगे रोजी रोटी का संकट उत्‍पन्‍न हो गया है। जीवन चलाने के लिए इनके पास कोई विकल्‍प नहीं रह गया है। पिछले वर्ष की विपरीत परिस्थितियों से ये अभी भी जूझ रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 04:07 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 04:14 PM (IST)
झारखंड के 3500 ट्रांसजेंडरों के समक्ष रोजी रोटी का संकट, लाॅकडाउन से बढ़ी चिंता
Jharkhand News, Corona Samachar लॉकडाउन के कारण ट्रांसजेंडरों की चिंता बढ़ गई है।

रांची, जासं। स्वास्थ्य के साथ साथ कोरोना वायरस का असर एक बार फिर से लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ने लगा है। पहले से ही खराब स्थिति से परेशान ट्रांसजेडरों की चिंता लाॅकडाउन शुरू होते ही बढ़ गई है। ट्रांसजेंडर उत्थान सीबीओ झारखंड की सचिव अमरजीत कहती हैं कि लाॅकडाउन शुरू हो गया। इससे सबसे अधिक प्रभावित ट्रांसजेंडर समुदाय हो रहे हैं। यह समुदाय सड़कों पर या ट्रेन या फिर घरों में जाकर बधाईयां नाच कर ही अपना जीवन यापन करती हैं। पिछले वर्ष से अभी तक किन्नर समुदाय इस विपरीत परिस्थिति से जूझ रहे हैं। ट्रेन परिचालन से लेकर आम जन जीवन तक सामान्य नहीं हो पाया है। ऐसे में इस समुदाय के पास कोई विकल्प नहीं है। इस वर्ष भी हालात सुधरने की आस नहीं है। ऐसे में झारखंड सरकार किन्नर समुदाय के जीवन-यापन के लिए कुछ करे।

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काेविड वार्ड में दो बेड हो उपलब्ध

अमरजीत ने कहा कि दूसरे राज्यों में ट्रांसजेंडर के लिए अलग से कोविड वार्ड हैं जहां ऑक्सीजन सहित सबकुछ का प्रबंध होता है। झारखंड में ऐसा नहीं है। अगर कोई ट्रांसजेंडर दूसरे राज्य से आए तो उनके लिए आश्रय गृह नहीं है। पिछले साल दूसरे राज्य से आए किन्नर समुदाय को महिलाओं या पुरुषों के साथ रख दिया गया था। उन्होंने सरकार से ट्रांसजेंडर के लिए अलग से कोविड के दो बेड की व्यवस्था करने का आग्रह किया है।

सात जिलों में करीब 3500 ट्रांसजेंडर

ट्रांसजेंडर उत्थान सीबीओ झारखंड के 7 जिलों चाईबासा, सरायकेला, जमशेदपुर, गिरि‍डीह, रांची, रामगढ़ व धनबाद में काम करता है। यहां करीब 3500 ट्रांसजेंडर हैं। रांची, चाईबासा व जमशेदपुर में डीसी को पत्र देकर ट्रांसजेंडरों के लिए अलग से सामुदायिक भवन या आश्रय गृह देने की मांग की है। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। उत्थान संस्था 2015 से 7 जिलों में समुदाय के विकास के लिए कार्य कर रही है। इन्हें सरकार से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल पाया है। ट्रांसजेंडर अमरजीत ने सरकार से अपील की है कि सरकार संस्था को सहयोग करे और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आश्रय गृह और समुदाय भवन दिया जाए।


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