चमोली हादसा का एक दर्द यह भी: बेटे का शव नहीं मिला तो पुतले का किया अंतिम संस्कार
Chamoli Tragedy उत्तराखंड जिला चमोली के तपोवन में बीते सात फरवरी को हुए प्राकृतिक आपदा रामगढ़ के तीन मजदूर लापता हो गए। इन मजदूरों का बीस दिन बाद भी शव बरामद नहीं हो सका। जिसके बाद परिवार वालों ने इनका पुतला बनाकर अंतिम संस्कार किया।
गोला (रामगढ़), संसू । उत्तराखंड जिला चमोली के तपोवन में बीते सात फरवरी को हुए प्राकृतिक आपदा रामगढ़ के तीन मजदूर लापता हो गए। इन मजदूरों का बीस दिन बाद भी शव बरामद नहीं हो सका। जिसके बाद इनके परिवार वालों ने इनका पुतला बनाकर धार्मिक रीति रिवाज के साथ इनका अंतिम संस्कार गोमती नदी स्थित स्थानीय मुक्तिधाम पर किया।
गौरतलब है कि इस हादसे में गोला प्रखंड क्षेत्र के चोकाद गांव के तीन व सरलाखुर्द के एक मजदूर लापता हो गए थे। इन मजदूरों को लापता हुए 20 दिन बीत जाने के बाद भी पता नहीं चल पाया। इनमें चोकाद के दो मजदूरों का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों द्वारा चमोली पहुंचे श्रम अधीक्षक दिगंबर महतो के आदेश पर दो दिन पूर्व मिथिलेश महतो व बिरसाय महतो के परिजनों व सगे संबंधियों द्वारा अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया।
इसकी सूचना गोला बीडीओ अजय कुमार रजक को भी परिजनों द्वारा दी गई। मिथिलेश महतो को मुखाग्नि उनके पिता राजाराम महतो व बिरसाय महतो को उनका कोई संतान नहीं होने की स्थिति में मुखाग्नि उसके बड़े भाई का पुत्र उमेश महतो ने दी। सरलाखुर्द निवासी मजदूर मदन महतो का अंतिम संस्कार शनिवार को ही कर दिया गया। शवयात्रा में सांसद प्रतिनिधि कुंटू बाबू उर्फ रणंजय कुमार, समाजसेवी नवकुमार महतो, धनंजय महतो, खगेस महतो, अंदूराम महतो, मिथिलेश महतो, बालेश्वर महतो, सोनाराम महतो, नरेश महतो, विक्रांत महतो, विनीत महतो, सुनील रजक, दिलेश्वर महतो सहित सैकड़ो लोग शामिल हुए।
कुलदीप का नहीं हुआ अंतिम संस्कार
गोला : लापता तीन मजदूरों में से एक मजदूर कुलदीप महतो का अंतिम नहीं हो सका। बताया गया कि मजदूर कुलदीप का मामा ससुर उसके मिलने की आस में अभी भी चमोली में ही आंखें बिछाये हुए हैं। कुलदीप का अंतिम संस्कार उनके मामा ससुर के चोकाद लौटने के बाद किया जाएगा।