पर्यटन मित्रों के सामने भुखमरी की नौबत, पिछले आठ माह से नहीं मिला है वेतन Ranchi News
Tourism Friends in Jharkhand पर्यटन मित्रों के पास पर्यटन स्थलों की सुरक्षा से लेकर साफ-सफाई तक की जिम्मेदारी होती है। मानदेय भुगतान को लेकर केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल पर्यटन सचिव योगेंद्र त्रिपाठी और झारखंड टूरिज्म के निदेशक को पत्र लिखा है।
रांची, जासं। झारखंड के तमाम पर्यटन स्थलों पर तैनात पयर्टन मित्रों को वेतन के लाले पड़े हुए हैं। पिछले आठ माह से इन्हें मानदेय नहीं मिला है। सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अक्टूबर से फरवरी 2019 और सितंबर से दिसंबर 2020 का मानदेय नहीं मिला है। पैसे के अभाव में पर्यटन मित्रों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य सरकार को पर्यटन मित्रों की स्थिति पर चिंतन कर अविलंब मानदेय का भुगतान करना चाहिए। मानदेय भुगतान को लेकर केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, पर्यटन सचिव योगेंद्र त्रिपाठी और झारखंड टूरिज्म के निदेशक को पत्र लिखा गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन स्थलों की सुरक्षा, साफ-सफाई आदि सुनिश्चित करने के लिए 2009 में सात हजार रुपये मानदेय पर पर्यटन मित्रों की नियुक्ति की गई थी। यही नहीं पर्यटन स्थल के वाहन पड़ाव से वाहनों का पैसा वसूल कर राज्य सरकार के कोष में जमा करने की भी जिम्मेदारी इन्हीं के ऊपर है। ये सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक पर्यटकाें की सेवा में जुटे रहते हैं। पर्यटकों के आने पर उनके चेहरे पर भले ही मुस्कान होती है लेकिन पेट भूखा होता है।
रांची में हैं इतने पर्यटन मित्र
रांची के सीता फॉल में छह, जोन्हा फॉल में 13, हुंडरू फॉल में पंद्रह, पंचघाघ में 10, हिरनी फॉल में 10, दशम फॉल पूर्वी में 29 और पश्चिमी में 10 पर्यटन मित्र हैं। सीताफॉल पर तैनात पर्यटन मित्र सोहन बेग बताया कि वे स्नातक हैं और दिन-रात पर्यटकों की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं। परंतु मानदेय न मिलने से उनका परिवार बहुत संकट में है और किसी तरह बस रोज इंतजार कर रहे हैं कि कब मानदेय मिलेगा। हुंडरू के पर्यटन मित्र राज किशोर प्रसाद ने बताया कि उनकी नियुक्ति 2009 में हुई थी। शुरुआत में बताया गया कि उन्हें पर्यटन कर्मी की नौकरी दी गई है। बाद में पता चला कि उन्हें पर्यटन मित्र बनाया गया है।