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Lalu Yadav को मिली जमानत, कोर्ट ने दो लाख का लगाया जुर्माना

चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। आधी सजा काटने के आधार पर लालू प्रसाद की ओर से जमानत देने की गुहार लगाई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 11:26 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 02:00 PM (IST)
Lalu Yadav को मिली जमानत, कोर्ट ने दो लाख का लगाया जुर्माना
लालू प्रसाद यादव को मिली जमानत । फाइल फोटो

रांची (राज्य ब्यूरो) । चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। शुक्रवार को सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी। सुनवाई में कोर्ट ने लालू यादव को 50 हजार के दो निजी मुचलका भरने और दो लाख जुर्माना लगाया। बता दें कि आधी सजा काटने के आधार पर लालू प्रसाद की ओर से जमानत देने की गुहार लगाई गई थी। उनकी ओर से चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत याचिका दाखिल की गई थी।

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इसके अलावा कोर्ट ने लालू की बीमारी की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही रिम्स में इलाज के दौरान कितने लोग उनसे मिले हैं उसकी रिपोर्ट भी मांगी है। उक्त रिपोर्ट 6 नवंबर को कोर्ट में जमा करनी है। इधर, जमानत मिलने के बाद भी लालू जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे, क्योंकि दुमका वाले मामले में उन्होंने जमानत नहीं दाखिल की है। लालू को अब तक चाईबासा के दो मामले और देवघर मामले में जमानत मिल चुकी है। दुमका में बाकी है।

गौरतलब है कि इससे पहले पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया था कि आधी सजा पूरी होने में 27 दिन कम थे। इसलिए सुनवाई के लिए कोर्ट ने नौ अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई थी। ताकि आधी सजा पूरी हो सके। लालू प्रसाद के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा था कि नौ अक्टूबर को लालू प्रसाद की आधी सजा पूरी हो रही है। चाईबासा कोषागार मामले में लालू प्रसाद को सीबीआइ कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई है। ऐसे में लालू प्रसाद तीस माह से जेल में है। उनकी तबीयत खराब होने के कारण उनका इलाज रिम्स के निदेशक बंगले में हो रहा है।

लालू ने रामविलास पासवान के निधन पर जताया शोक

इधर, गुरूवार को रामविलास पासवान के निधन पर लालू यादव ने ट्वीट कर गहरा शोक जताया। लालू यादव ने कहा कि रामविलास भाई के असामयिक निधन का दुखद समाचार सुन अत्यंत मर्माहत हूं। विगत 45 वर्षों का अटूट रिश्ता और उनके संग लड़ी तमाम सामाजिक, राजनीतिक लड़ाईयां आंखों में तैर रही है। रामविलास भाई, आप जल्दी चले गए। इससे ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं।


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