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तंबाकू दुकानों में नहीं बिकेंगे बिस्किट, टॉपी व पेय पदार्थ

रांची : नगर निगम क्षेत्र में तंबाकू उत्पादों की बिक्री करनेवालों को अब नगर निगम से लाइसेंस अथवा अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति लिए ऐसा करने पर सात साल की सजा और एक लाख जुर्माना हो सकता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Apr 2018 05:47 AM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 05:47 AM (IST)
तंबाकू दुकानों में नहीं बिकेंगे बिस्किट, टॉपी व पेय पदार्थ
तंबाकू दुकानों में नहीं बिकेंगे बिस्किट, टॉपी व पेय पदार्थ

रांची : नगर निगम क्षेत्र में तंबाकू उत्पादों की बिक्री करनेवालों को अब नगर निगम से लाइसेंस अथवा अनुमति लेनी होगी। बिना लाइसेंस तंबाकू उत्पादों की बिक्री, भंडारण, पैकिंग, प्रसंस्करण, सफाई व विनिर्माण पर नगर आयुक्त डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि ने प्रतिबंध लगा दिया है। तंबाकू उत्पाद की दुकानों पर टॉफी, कैंडी, चिप्स, बिस्किट, पेय पदार्थ इत्यादि की बिक्री नहीं होगी। नगर आयुक्त ने गुरुवार को तत्काल प्रभाव से यह आदेश लागू कर दिया है।

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आदेश पत्र में कहा गया है कि तंबाकू या तंबाकू उत्पाद बेचने वाले व्यापारी/दुकानदार/फुटकर विक्रेता रांची नगर निगम से लाइसेंस अथवा अनुमति प्राप्त कर तंबाकू उत्पाद की बिक्री करेंगे। झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 455 की अनुसूची 13 व 187 के अनुसार स्वास्थ्य के लिए खतरनाक किसी प्रकार के तंबाकू उत्पाद की बिक्री, भंडारण, पैकिंग, प्रसंस्करण, सफाई व विनिर्माण बिना लाइसेंस अथवा अनुमति के नहीं किया जा सकता है। नगर निगम के संज्ञान में आया है कि शहर की विभिन्न दुकानों में तंबाकू उत्पादों की बिक्री बिना लाइसेंस अथवा अनुमति के की जा रही है। लाइसेंस धारक तंबाकू विक्रेता झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 का सख्ती से पालन करते हुए सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003, खाद्य संरक्षण अधिनियम 2006 व बाल विकास मंत्रालय के किशोर न्याय अधिनियम 2015 का उल्लंघन नहीं करेंगे। होगी दंडात्मक कार्रवाई

यदि कोई व्यापारी/दुकानदार/फुटकर विक्रेता किसी प्रकार के तंबाकू उत्पाद की बिक्री, भंडारण, पैकिंग, प्रसंस्करण, सफाई व विनिर्माण करते हुए पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 455, 459 व 466 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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क्या है सजा का प्रंावधान

वयस्कों एवं किशोरों को तंबाकू उत्पादों से दूर रखने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार 18 साल से कम उम्र के बच्चे को किसी प्रकार के मादक/नशीले पदार्थ, तंबाकू उत्पाद बेचने पर सात साल की कैद व एक लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है।

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क्या है कोटपा-2003

भारत सरकार द्वारा तंबाकू उपयोग को नियंत्रित कर इससे होने वाली बीमारियों से जनमानस को बचाने के उद्देश्य से सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम (कोटपा-2013) लागू किया गया है। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा-2013) के माध्यम से अवयस्कों, कम उम्र के युवाओं व जन समूह द्वारा तंबाकू उत्पाद के उपयोग को रोकने, तंबाकू के हानिकारक लत से बचाने व तंबाकू उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर प्रतिबंध लगाना है।

प्रतिवर्ष लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु होती है तंबाकू जनित रोगों से

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू जनित रोगों जैसे कैंसर, स्ट्रॉक, ह्रदय रोग आदि से होती है। गेट्स-2 के आंकड़ों के तहत झारखंड में 38.9 फीसद लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। धूम्रपान एवं तंबाकू सेवन से मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, जो कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण है। असमय लोग मृत्यु/अपंगता के शिकार हो जाते हैं। तंबाकू नियंत्रण में राज्य सरकार को तकनीकी सहयोग प्रदान करने वाली संस्था सोशियो इकोनोमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि यह आदेश बच्चों और अवयस्कों को तंबाकू उत्पाद से दूर रखने में बहुत ही कारगर साबित होगा। बच्चे व युवा तंबाकू उद्योग के सबसे सॉफ्ट टारगेट होते हैं, जिन्हें लुभाने के लिए कंपनी तरह-तरह के हथकंडे अख्तियार करती है।


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