Omicron : विदेश से झारखंड आए तीन लोग रांची में सात दिनों के लिए क्वारंटाइन
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। इसी मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। सात दिनों के बाद इन तीनों लोगों की जांच की जाएगी। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही इन्हें घर जाने की इजाजत दी जाएगी।
चतरा, (संवाद सहयोगी) : कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से बचने के लिए स्वास्थ्य महकमा तैयारियों में जुट गया है। बाहर से आने वालों पर विशेष नजर रखी जा रही है। अब तक तीन लोग विदेश से आए हैं। इसमें दो संयुक्त अरब अमीरात और एक सऊदी अरब से आए हैं। उपर्युक्त तीनों लोगों को राजधानी रांची में सात दिनों तक के लिए क्वारंटाइन कर दिया गया है। चतरा लौटने पर सभी का आरटी-पीसीआर जांच कराई जाएगी।
रिपोर्ट आने तक तीनों को होम आइसोलेट कर दिए गए हैं। अधिकारियों की कोविड जांच और टीकाकरण पर विशेष फोकस है। जिला प्रशासन के मदद से विभाग बूथ स्तर और घर-घर जाकर टीकाकरण करने का काम कर रहे हैं। यहां वैक्सीनेशन भी भरपूर मात्रा में है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि प्रखंडों की स्वास्थ्य सेवाएं भी ठीक की जा रही है। अगर कोरोना संक्रमित की पुष्टि होती है, तो उसे क्वारंटाइन में रखा जाएगा। जहां सारी मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सिविल सर्जन डा. श्यामनंदन सिंंह ने बताया कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ऑक्सीजन की घोर कमी हुई थी। इसके कारण स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में काफी फजीहत करनी पड़ी थी। इस बार ऑक्सीजन की कमी नही होगी। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जिले में तीन ऑक्सीजन सदर अस्पताल, हंटरगंज व टंडवा में स्थापित किए गए है। विभाग के अधिकारी बच्चों के साथ हर वर्ग को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इंतजाम में जुटे हैं। जिले में कोरोना की दो लहर गुजर चुकी है।
सरकारी आंकड़ा के अनुसार इन दोनों लहर में 53 लोग कोरोना से हारकर अपनी जान गवां चुके है। इन दो लहरों में सिर्फ सदर अस्पताल में ही मरीजों को आइसीयू व वेंटिलेटर की सुविधा मिली थी। लेकिन अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो में भी इसकी सुविधा मिलेगी। बताया कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान हुए अनुभवों को देखते हुए जिला प्रशासन ने गांवों से लेकर जिला मुख्यालयों तक सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को मजबूत किया गया है। केंद्र व राज्य से आ रही आधुनिक मशीनों को इंस्टाल का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। जबकि इस मशीन को चलाने के लिए डॉक्टरों को रांची में प्रशिक्षित किया जा चुका है।