फिर रक्तरंजित हुई चौपारण की दनुआ घाटी, बांस लदे ट्रैक्टर में ट्रक के टकराने से तीन की मौत Hazaribagh News
Jharkhand Hazaribagh Road Accident Hindi News बांस लदे खडे़ ट्रैक्टर में ट्रक ने टक्कर मारी। गोरहर से बांस लेकर लौटने के क्रम में दुर्घटना हुई। टक्कर में ट्रक पलट गई। वहीं ट्रैक्टर लगभग 100 फीट आगे बढ़ गया।
चौपारण (हजारीबाग), जासं। हजारीबाग जिले के चौपारण थाना क्षेत्र का दनुआ घाटी फिर एक बार रक्तरंजित हुआ है। जीटी रोड के इस घाटी में रविवार रात लगभग ग्यारह बजे सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा दो लोग अत्यंत गंभीर हैं और दो बाल-बाल बच गए। मृतकों में चालक अशोक महतो, गोरहर, बरकट्ठा तथा तुला तुरी व चलितर तुरी, ग्राम तेतरिया, बाराचट्टी, बिहार शामिल हैं। वहीं घायलों में शंभु तुरी व खिलावन उसी गांव के निवासी शामिल हैं। चालक को छोड़कर सभी आपस में रिश्तेदार हैं। बताया गया कि ट्रैक्टर रात में खराब हो गया। सभी बनाने का प्रयास कर ही रहे थे कि पीछे से तेज गति से आ रहे ट्रक ने धक्का मार दिया। इससे ट्रैक्टर काफी दूर चला गया। साथ ही ट्रक भी पलट गया। वाहनों की टक्कर में तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर हो गए। दो की जान बच गई।
कैसे हुई दुर्घटना
बाराचट्टी के तेतरिया के तुरी टोला से अपने जीवन-यापन के लिए बांस लाने के लिए छह लोग गुरुवार को गोरहर गये थे। सभी बांस की टोकरी तथा अन्य सामग्री बनाने का काम करते हैं। इस काम के लिए सालों से बरकट्ठा के गोरहर से जाकर बांस लाया करते थे। गोरहर से ट्रैक्टर से सभी बांस लेकर लौट रहे थे। इसी बीच दनुआ घाटी में वाहन का लाइट खराब हो गया। इसे बनाने के लिए सभी लग गए। इसी बीच पीछे से आ रहे ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर में ट्रक भी पलट गया। वहीं ट्रैक्टर लगभग 100 फीट आगे बढ़ गया। घटना के बाद वहां अफरा-तफरी की स्थिति हो गई। दुर्घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। इसके बाद घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
मौत की घाटी है दनुआ
जीटी रोड दनुआ घाटी के हथिया बाबा के समीप ढलान मौत की घाटी के रूप में प्रसिद्ध हो चुका है। एनएचएआइ के अभियंताओं की लापरवाही के कारण यहां हर साल सैकड़ों जानें दुर्घटना में चली जाती हैं। दरअसल ढलान के साथ सड़क निर्माण के डिजाइन में त्रुटि के कारण दुर्घटना बदस्तूर जारी है। बताया गया है कि जीटी रोड के सिक्स लेन निर्माण के दौरान घाटी इलाके में एनएचएआइ ने सड़क निर्माण में काफी तब्दीली की है। हालांकि निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। इस वजह से दुर्घटनाओं का दौर भी बदस्तूर जारी है।
बिलखते रहे परिजन, गरीबी के भेंट चढ़े लोग
चालक को छोड़कर सभी मृतक व घायल आपस में रिश्तेदार हैं। बांस की टोकरी, सूप तथा अन्य सामग्री बनाने के लिए सालों से सभी राशि जमा कर बांस लाने का काम करते थे। इसी बांस ने उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक के परिजन चौपारण पहुंचे। सभी के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। मृतक तुला तुरी की 4 बेटियां तथा एक छोटा बेटा है। वह काफी गरीब था। उसकी पत्नी व छोटे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। यही स्थिति अन्य सभी परिजनों की है।
पिछली बार लोहे की रॉड और इस बार बांस बनी मौत का कारण
बीते दो साल पूर्व दनुआ घाटी में लोहे के सरिया से टकराकर महारानी बस में सवार लगभग नौ लोग मर गए थे। इसके अलावा दो दर्जन घायल हुए थे। उसी प्रकार आज बांस लदा वाहन भी दुर्घटना का कारण बन गया।