चतरा में हत्या के तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा, 10 हजार जुर्माना भी लगाया Chatra News
Jharkhand News Chatra News कोर्ट के आदेश अनुसार जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। तीनों ने 2020 में एक व्यक्ति की हत्या करने के बाद शव को झाड़ी में फेंक दिया था।
चतरा, जासं। चतरा जिले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को हत्या के तीन आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दस-दस हजार रुपया जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। तीनों आरोपी सदर थाना क्षेत्र के हसोत गांव निवासी मेदन यादव के पुत्र निरंजन यादव, समप्रीत यादव व नन्दू यादव हैं। बताते चलें कि दिनांक 28 अगस्त 2020 को हसोत गांव निवासी राजू यादव के पुत्र लोकेश कुमार की हत्या उपरोक्त आरोपियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर कर दी थी।
हत्या करने के पश्चात साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से शव को गांव के ही बाढ़र माड़र के समीप झाड़ी में फेंक दिया था। इसके पश्चात पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शव को बरामद करते हुए उपरोक्त तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया था। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने मुकदमे का त्वरित निष्पादन करते हुए उपरोक्त आरोपियों को दोषी पाया तथा उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई। मुकदमा में अभियुक्तों की ओर से अधिवक्ता संत कुमार सिंह तथा सरकार की ओर से लोक अभियोजक लाल बिहारी मंडल ने अपना-अपना पक्ष रखा।
दो अफीम तस्करों को दस-दस वर्ष की सजा, एक लाख जुर्माना
चतरा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को दो अफीम तस्कर को दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये जुर्माना अधिरोपित किया है। जुर्माना की राशि जमा नहीं करने की स्थिति में छह माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। सजा पाने वाले दोनों आरोपी कुंदा थाना क्षेत्र के चिलाई गांव निवासी मंजूर गंझू का पुत्र बिरन गंझू एवं बेलगडा गांव निवासी नंदलाल महतो का पुत्र मुकेश महतो है। यहां बताते चलें कि वशिष्ठनगर थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के चपकी बधार पुल के समीप वाहन चेकिंग अभियान चला रही थी।
इसी क्रम में उपरोक्त अभियुक्त मोटरसाइकिल से जोरी की ओर आ रहे थे। पुलिस को देखकर दोनों अभियुक्त मोटरसाइकिल छोड़कर भागने लगे। उन्हें दौड़कर पुलिस ने पकड़ा था। तलाशी के क्रम में अभियुक्तों के पास से पांच किलो गीला अफीम बरामद किया था। मुकदमा में अभियुक्तों की ओर से प्रदीप कुमार सिन्हा एवं मोहन कुमार सिंह तथा सरकार की ओर से लोक अभियोजक लाल बिहारी मंडल ने अपना-अपना पक्ष रखा। उसके बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनों को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।