बच्चों को कोरोना से बचाएगी ये इम्यूनिटी वाली चॉकलेट, इन चीजों से मिलकर है बनी
कोरोना संक्रमण की पहली लहर में सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को था। वहीं दूसरी लहर में बुजुर्गों से युवाओं पर भी कोरोना आफत बनके टूटा है। विज्ञानियों के अनुसार आनी वाली तीसरी लहर में बच्चों को भी कोरोना संक्रमण का खतरा होगा।
रांची [संजय सुमन] । कोरोना संक्रमण की पहली लहर में सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को था। वहीं दूसरी लहर में बुजुर्गों से युवाओं पर भी कोरोना आफत बनके टूटा है। विज्ञानियों के अनुसार आनी वाली तीसरी लहर में बच्चों को भी कोरोना संक्रमण का खतरा होगा। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अभी से सतर्क हो गए हैं। बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कढ़ा सहित तमाम तरह के उपाय किए जा रहे हैं। मगर बड़ी समस्या है कि बच्चे काढ़े और अन्य खाद्य खाने में आनाकानी करते हैं। ऐसे में बाजार में इम्यूनिटी बढ़ाने वाला आयुर्वेदिक चॉकलेट भी आ गया है। इस चॉकलेट में हर्बल चॉकलेट में मुलेठी, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, आंवला और अंजीर का इस्तेमाल किया है।
बच्चों की बढ़ाएगा इम्यूनिटी
इस आयुर्वेदिक चॉकलेट को बनाने वाले कमल अग्रवाल बताते हैं कि केवल पांच पहले उन्होंने इस चॉक्लेट को लाच किया था। अब पूरे देश ले लोग इसका ऑडर फोन करके दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसमें इतने आयुर्वेदिक तत्व है कि वो शरीर में इम्यूनिटी बढाने के साथ हल्की खांसी, गले का खरास और मौसम परिवर्तन से बच्चों में होने वाले बीमारी से बचाव करेगा। वर्तमान में आडर काफी कम है। इसलिए वो इस चाकलेट का उत्पादन ऑडर बेस पर अपने घर में कर रहे हैं। मगर थोड़े दिनों के बाद वो इसका बड़े स्तर पर उत्पादन करेंगे। अच्छी बात ये है कि इसे बच्चों से लेकर बूढ़े तक खा सकते हैं।
इससे पहले बना चुके हैं इम्यूनिटी वाला रसगुल्ला
कमल अग्रवाल बताते हैं कि जो लोग अभी दूसरे राज्यों से चॉकलेट आडर कर रहे हैं उन्हें पोस्ट विभाग के पार्सल के द्वारा भेजा जा रहा है। इसके लिए ग्राहकों से 20 चॉकलेट के पैक का 300 रूपए लिया जा रहा है। इससे पहले कमल अग्रवाल इम्यूनिटी वाला रसगुल्ला भी बना चुके हैं। ये रसगुल्ले हरी मिर्च, चुकंदर, चवणप्राश आदि से बनाए जाते थे।
दक्षिण भारत से विशेष रूप से मंगाया जाता है सामान
आयुर्वेदिक चॉकलेट बनाने के लिए कमल अग्रवाल विशेष रूप से दक्षिण भारत से चॉकलेट और मसाले मंगवा रहे हैं। वो बताते हैं कि दक्षिण भारत में देश की सबसे अच्छी हल्दी होती है। इसमें करक्यूमिन ज्यादा होती है। ये आयुर्वेदिक इस्तेमाल के लिए सबसे बेहतर माना गया है इसलिए हल्दी, मुलेठी आदि सामान वही से मंगाया जाता है। इसके अलावा कुछ सामान कोलकाता से भी मंगाया जाता है।
मुलेठी, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, आंवला और अंजीर आदि में कई आयुर्वेदिक गुण हैं। ये शरीर को गर्म रखने के साथ इम्युनिटी भी बढ़ाती है। इसे किसी भी रूप में अगर आप खाते हैं तो शरीर को फायदा होता है। बच्चों को पोषण देने का हर्बल चाकलेट भी एक अच्छा तरीका है। हालांकि किसी भी चीज को सीमित मात्रा में लेना अच्छा होता है। - डा भरत कुमार अग्रवाल, आयुर्वेदाचार्य