करोड़ों लोगों के लिए मिसाल बनीं झारखंड की ये महिलाएं, करोड़ों का हुआ कारोबार
Hazaribagh News लालमुन्नी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब फसल खराब हो रहे थे तो हमलोगों ने घर बैठे कारोबार किया। आलू तरबूज धान की खरीद बिक्री की। डिजिटल भुगतान हुआ। बिना मंडी किए किसानों को एकाउंट में पैसा आ गया।
हजारीबाग, जागरण संवाददाता। जिले के उग्रवाद प्रभावित चुरचू की 7000 महिला किसानों के समूह (एफपीओ) की सफलता की कहानी से देश के लिए उदाहरण बन गई है। मंगलवार को स्वयं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चुरचू नारी ऊर्जा फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी सफलता की कहानी सुनी। मौका था लघु किसान कृषि व्यापार मंडल (एसएफएसी) की स्थापना दिवस का, जिसमें देश भर के कृषि विशेषज्ञ, एफपीओ, मंत्रालय के अधिकारी और केंद्रीय कृषि मंत्री मौजूद थे। कृषि पोर्टल ई-नाम के माध्यम से 92 लाख रुपये का डिजिटल पेमेंट कर देश में लघु श्रेणी में नंबर एक बनी चुरचू नारी ऊर्जा की निदेशक लालमुन्नी मरांडी ने जब एक-एक महिलाओं के जोड़ने की कहानी बताई तो कृषि मंत्री से भी सराहना मिली। लालमुन्नी ने बताया कि ई-नाम से पहले उनके कृषि उत्पाद को खरीदने वाला कोई नही था। व्यापारी पैसे नहीं देते थे। माल लौटा देते थे। पैसे के लिए एक माह तक इंतजार करना पड़ता था। अब हम 7000 महिला किसान खुद मालिक बन गई हैं। 24 घंटे के अंदर भुगतान होता है। पहले की तुलना में 25 प्रतिशत ज्यादा मूल्य प्राप्त होता है।
जब फसल खराब हो रही थी तब घर बैठे किया कारोबार
लालमुन्नी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब फसल खराब हो रहे थे तो हमलोगों ने घर बैठे कारोबार किया। आलू, तरबूज, धान की खरीद बिक्री की। डिजिटल भुगतान हुआ। बिना मंडी किए किसानों को एकाउंट में पैसा आ गया। जनवरी 2020 से कंपनी ई-नाम से व्यापार शुरु किया और अब तक 1 करोड़ दो लाख रुपये का काराेबार कंपनी इसके माध्यम से कर चुकी है, जिसमें 92 लाख रुपये का डिजिटल भुगतान है। इसमें विशेषकर कृषि बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह का विशेष सहयोग मिला।
जिनके खेत नहीं वे कर रही हैं बकरी, सुकर पालन
कृषि मंत्री को लालमुन्नी ने बताया कि हमारी कंपनी में 2400 दीदियां अंशधारक बन चुकी हैं। इनकी कुल अंशपूंजी 18 लाख रुपये कंपनी में जमा हैं। साथ ही जिन दीदियों के पास खेत नही है। उन्हें बकरी, सुकर और मछली पालन जैसे कारोबार से जोड़ा गया है। हमें कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से सहयोग मिला है और अब हमें बीज, खाद का लाइसेंस भी प्राप्त हो गया है। ई-नाम पारदर्शी व्यापार के माध्यम बन गया है और यह महिलाओं को सशक्त बना रहा है।
संघर्ष से मिला मुकाम
10 महिलाओं के समूह से शुरु किया काम देश में नंबर वन एफपीओ बनी चुरचू नारी ऊर्जा को ऐसे ही मुकाम नही मिला। इसके पीछे महिलाओं के संघर्ष की कहानी है। लालमुन्नी बताती हैं कि जब घर की दहलीज के बाहर कदम रखा तो काफी डरी -सहमी थी। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र था। शाम ढलते ही घरों के दरवाजे बंद हो जाते थे। लेकिन, किसी एक को तो आगे आना था। इसी सोच के साथ शुरूआत की। वर्ष 2017 में दस दीदियों का समूह बनाया। एक-एक पंचायत की महिलाओं को जोड़ा, जिसे जो काम आता था उनके करने को बोला और 2018 में कंपनी खड़ी की। ट्रैक्टर चलाने तक का प्रशिक्षण लिया। आज चार ट्रैक्टर भी अपने पास है। हम सभी महिलाओं की मेहनत का ही नतीजा है कि हम इस मुकाम पर पहुंच गए हैं।