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झारखंड में अभी ठंड से नहीं मिलेगी राहत, जानिए मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी

Chatra News आम तौर पर सामान्य दिनों में यहां पर 900 बजे सुबह तक दुकानें खुल जाती थी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डा. रंजय कुमार सिंह ने बताया कि आने वाले तीन-चार दिनों तक ठंड का प्रकोप इसी तरह से बरकरार रहेगा।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 02:51 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 02:51 PM (IST)
झारखंड में अभी ठंड से नहीं मिलेगी राहत, जानिए मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी
झारखंड में अभी ठंड से नहीं मिलेगी राहत, जानिए मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी

चतरा, जागरण संवाददाता। पिछले चार दिनों से मौसम का मिजाज बदला-बदला हुआ है। आसमान में बादल छाया है और कोहरे की परत गाढ़ी है। अर्थात सूर्य का दर्शन बहुत कम हो रहा है। तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। सोमवार को यहां का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। रविवार को भी छह डिग्री ही था और मंगलवार को भी न्यूनतम तापमान 6 डिग्री ही रहने का पूर्वानुमान है।

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कुछ दिनों से बदला है मौसम

सोमवार को 11:00 बजे पूर्वाह्न के बाद सूर्य का दर्शन हुआ। लेकिन धूप में तल्खी नहीं थी। कोहरा और बादल की वजह से रबी फसलों को व्यापक नुकसान हो रहा है। खासकर आलू, टमाटर, मटर एवं अन्य दूसरी सब्जियों में तरह-तरह के रोग लग रहे हैं। ठंड के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। शाम ढलते ही चौक-चौराहों पर सन्नाटा पसर जा रहा है। सुबह को 11:00 बजे के बाद दुकानें खुल रही है। वहीं शाम ढलते ही दुकानें बंद हो जा रही है।

अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगी शीतलहर

आम तौर पर सामान्य दिनों में यहां पर 9:00 बजे सुबह तक दुकानें खुल जाती थी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डा. रंजय कुमार सिंह ने बताया कि आने वाले तीन-चार दिनों तक ठंड का प्रकोप इसी तरह से बरकरार रहेगा। उन्होंने मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के आधार पर बताया कि मंगलवार को भी न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहेगा। वैसे बुधवार से तापमान में मामूली बढ़ोतरी की संभावना है। बुधवार का तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। डा. सिंह ने बताया कि कोहरा और शीतलहर के कारण रबी फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। खासकर आलू, मटर एवं टमाटर की फसलों में झुलसा रोग रोग लग गया है। जिससे उसका उत्पादन क्षमता प्रभावित हो रही है। इन फसलों को ओलावृष्टि से भी नुकसान हुआ है।

ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद

एक सप्ताह पूर्व बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि में आलू और टमाटर की फसलें ज्यादा प्रभावित हुई है। सदर प्रखंड के बरैनी गांव के कृषक रामनरेश भारती ने बताया कि ओलावृष्टि से टमाटर की फसलों को उनके क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि करीब 10 एकड़ खेती ओलावृष्टि से प्रभावित हुई है। इसी प्रकार डहुरी गांव के कुंदन दांगी ने बताया कि उनके क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि अधिक तबाही मचाई है। उन्होंने जिला प्रशासन से ओलावृष्टि और बारिश से फसलों के हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति की मांग की है।


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