Jharkhand: कोरोना से निपटने में नहीं चलेगी किसी प्रकार की कोताही
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर जिलों में चल रही तैयारियों की शनिवार को व्यापक समीक्षा की गई। वर्चुअल मोड में हुई समीक्षा के क्रम में सभी सिविल सर्जनों को स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना से निपटने में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं चलेगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर जिलों में चल रही तैयारियों की शनिवार को व्यापक समीक्षा की गई। वर्चुअल मोड में हुई समीक्षा के क्रम में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी सिविल सर्जनों को स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना से निपटने में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं चलेगी। उन्होंने अधिक से अधिक कोरोना की जांच करने तथा टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के सख्त निर्देश सभी सिविल सर्जनों को दिए। उन्होंने उन जिलों के सिविल सर्जनों पर नाराजगी भी प्रकट की जहां कोरोना जांच की उपलब्धि लक्ष्य के विरुद्ध कम है।
अपर मुख्य सचिव ने खास करके दूसरे राज्यों से आनेवाले लोगों की कोरोना जांच अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए। उन्होंने एंट्री पॉइंट पर जांच में सख्ती बरतने और बाहर से आने वाले सभी लोगों की जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। समीक्षा में यह बात सामने आई कि आरटी पीसीआर जांच में चतरा, धनबाद, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, रामगढ़, सरायकेला की उपलब्धि 50 प्रतिशत से भी कम है। वहीं ट्रूनेट जांच में खूंटी, कोडरमा, लोहरदगा, पलामू, रामगढ़, रांची, सरायकेला, बोकारो, चतरा, देवघर, दुमका, गिरिडीह, गुमला, की उपलब्धि संतोषजनक नहीं है।
अपर मुख्य सचिव ने इन जिलों के सिविल सर्जनों को हर हाल में लक्ष्य के अनुरूप जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलों में स्थापित हो रहे पीसीए ऑक्सीजन प्लांट की भी समीक्षा की। इस क्रम में यह बात सामने आई कि अधिसंख्य अस्पतालों में यह कार्य अभी प्रगति पर ही है। वहीं, सीएचसी, चंदनकियारी में अभी तक न तो पाइपलाइन बिछाई गई है और न ही डीजी सेट क्रय किया गया है। यह भी बताया गया कि पीएसए प्लांट की स्थापना के लिए जामताड़ा से मिहिजाम तथा खूंटपानी से कुमारदुंगी लोकेशन बदलने के लिए भारत सरकार को अनुशंसा भेजी गई है। जिलों में स्थापित हो रहे पीडियाट्रिक आइसीयू में भी तेजी लाने के निर्देश सभी सिविल सर्जनों को दिए गए।