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Jharkhand: गुमला के इस गांव में सर्दी बुखार से 15 दिनों में दस लोगों की मौत, बीमार होने पर करा रहे झाड़-फूंक

बिशुनपुर प्रखंड में कोरोना संक्रमणों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों की जिद व गलत अफवाह के कारण वैक्सीनेशन का कार्य गांव में रुका हुआ है। घाघरा पंचायतों के तमाम गांव में कोरोना वायरस के लक्षण जैसे बीमारी सर्दी बुखार खांसी फैल गया है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 02:10 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 02:10 PM (IST)
Jharkhand: गुमला के इस गांव में सर्दी बुखार से 15 दिनों में दस लोगों की मौत, बीमार होने पर करा रहे झाड़-फूंक
Jharkhand: गुमला के इस गांव में सर्दी बुखार से 15 दिनों में दस लोगों की मौत। जागरण

बिशुनपुर/गुमला, जासं । बिशुनपुर प्रखंड में कोरोना संक्रमणों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों की जिद व गलत अफवाह के कारण वैक्सीनेशन का कार्य गांव में रुका हुआ है। घाघरा, निराशी, हेलता, चिरोडीह, नरमा, बनारी, अमतीपानी, सेरका एवं गुरदारी पंचायतों के तमाम गांव में कोरोना वायरस के लक्षण जैसे बीमारी सर्दी, बुखार, खांसी फैल गया है। जिससे अब तक 15 दिनों में कुल 10 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों के बीच अंधविश्वास अभी भी हावी है। जिसके कारण मौत से जूझ रहे लोगों को स्वस्थ करने के लिए ओझा गुणी का सहारा अब भी इन गांव के लोग ले रहे है।

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जो ग्रामीणों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रहा है। गांव में दर्जन भर से ज्यादा लोग अब भी सर्दी जुकाम, खांसी व बुखार से पीड़ित है। ग्रामीणों के अनुसार सर्दी बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ होने पर कटिया गांव के भाला महली, चिपरी गांव के बुधना उरांव, लबगा गांव के सहरंग खेरवार, बुधराम खेरवार हेलता गांव के काशी नाथ महतो, बनालत के ब्रिजमोहन सिंह खेरवार, बनारी लाइन टोली के विनोद किंडो, सेरका के सोनूआ उरांव एवं बनारी में एक वृद्ध एवं एक बृद्धा की मौत हो चुकी है। जिसे ग्रामीण कोरोना बीमारी से हुई मौत के रूप में मान रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन सभी लोगों में कोरोना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे थे। लेकिन जांच नहीं होने के कारण स्पष्ट रुप से बताना मुश्किल है. पहले इस गांव में कोई भी बीमार नहीं था। सबसे पहले लोगों को सर्दी और बुखार होना शुरू हुआ। जिसके चार-पांच दिन के बाद उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगी और बाद मौत हो गई।

कोरोना जांच की जगह गांव में झाड़-फूंक करा रहे हैं ग्रामीण

बिशुनपुर प्रखंड में लोग आज भी अंधविश्वास से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। यही वजह है कि इस महामारी के दौर में भी घर में किसी की तबीयत खराब होने पर लोग अस्पताल जाकर जांच कराना उचित नहीं समझ रहे हैं। बल्कि अपने घर में ओझा बुलाकर उससे झाड़-फूंक कराने का काम कर रहे हैं। जिससे कि लोगों की जान तक चली जा रही है। बनालात गांव में बृजमोहन सिंह खेरवार की 12 दिन पूर्व मौत हो चुका है।

जिसके बाद उसके बड़े बेटे की तबीयत खराब हुई तो परिजनों के द्वारा गुरुवार को आंवरा टोली गांव से ओझा बुलाकर उससे झाड़-फूंक कराना शुरू किया। इसकी जानकारी मिलने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी छंदा भट्टाचार्य, अंचलाधिकारी धनंजय पाठक, थाना प्रभारी सदानंद सिंह बनालात गांव पहुंचे जहां पर उन्होंने ओझा को जमकर फटकार लगाई और उसे वहां से भगा दिया वहीं परिजनों को बीमार व्यक्ति का अस्पताल में इलाज कराए जाने की बात कही गई, जिसके बाद बीमार को अस्पताल ले जाने की तैयारी शुरू की गई।

गांव में सर्दी, जुकाम, खांसी व बुखार से दर्जनों लोगो पीड़ित है। वे ओझा गुणा से झाड़फूंक करा रहे लेकिन अस्पताल जाना नहीं चाहते। बनालात गांव में सूचना मिलने पर जब वे लोग पहुंचे तो बुखार से तड़प रहे युवक को ओझा द्वारा झाड़फूंक किया जा रहा था। तब उसे फटकार लगाई गई और बीमार को अस्पताल भेजवाने की व्यवस्था की गई।- छदा भट्टाचार्जी, प्रखंड विकास पदाधिकारी


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