Lalu Prasad Yadav: सीबीआइ और सिब्बल में 4 घंटे तक जोरदार बहस, फिर जज ने जोड़े...
Lalu Prasad Yadav Lalu Yadav राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को जमानत नहीं मिली है। उनकी जमानत याचिका झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। लालू के वकील कपिल सिब्बल और सीबीआइ के बीच कोर्ट में सुनवाई के दौरान चार घंटे तक जोरदार बहस चली।
रांची, जेएनएन। Lalu Prasad Yadav, Lalu Yadav: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को जमानत नहीं मिली है। उनकी जमानत याचिका झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। लालू के वकील कपिल सिब्बल और सीबीआइ के बीच कोर्ट में सुनवाई के दौरान चार घंटे तक जोरदार बहस चली। अदालत में पूरी तैयारी के साथ पहुंचे केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआइ के वकील राजीव सिन्हा ने एक-एक कर लालू प्रसाद यादव के वकील सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की सारी दलीलों का जवाब दिया।
इस दौरान अदालत में दोनों पक्ष की ओर से रखे गए आधी सजा पूरी करने के दस्तावेजों को जज ने गौर से देखा और फिर जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने लालू के सजा अवधि की गणना की। जज ने कहा कि कोर्ट की गणना के मुताबिक लालू प्रसाद यादव ने अभी चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में 40 महीने ही जेल में गुजारे हैं। यह आधी सजा से दो माह कम है। इसलिए लालू यादव को जमानत नहीं दी जा सकती।
10 प्वाइंट्स में जानें झारखंड हाई कोर्ट में लालू की जमानत पर क्या-क्या हुआ
- झारखंड हाई कोर्ट ने कहा कि लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में अभी आधी सजा पूरी करने में दो माह की अवधि कम पड़ रही है। लिहाजा लालू प्रसाद को जमानत नहीं दे सकते। दोनों पक्षों को सुनने और फिर कोर्ट की गणना के अनुसार लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार मामले में अब तक 40 माह ही जेल में गुजारे हैं, जो कि आधी सजा से दो माह कम है। इसलिए लालू को जमानत नहीं दी जा सकती।
- हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने लालू प्रसाद को जमानत देने से इन्कार करते हुए कहा कि लालू के सजा की आधी अवधि पूरी करने में एक माह 28 दिन कम हैं। उन्हें जेल में ही रहना होगा।
- सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत से लालू की जमानत पर सुनवाई के लिए दो माह बाद की तिथि निर्धारित करने की मांग की। लेकिन सीबीआइ ने इसका जोरदार विरोध करते हुए कहा कि उन्हें पहले ही समय की मांग करनी चाहिए थी। अब जब बहस पूरी होने के बाद अदालत फैसला सुनाने जा रही है, तो ऐसा नहीं किया जा सकता है। इसके बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
- लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं की जाएगी। अब दो माह का समय पूरा होने पर फिर से हाई कोर्ट में ही जमानत याचिका दाखिल की जाएगी।
- लालू की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल व अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने अदालत को बताया कि उनके अनुसार लालू प्रसाद ने अब तक 42 माह 11 दिन जेल में बिताए हैं, जो सजा की आधी अवधि से ज्यादा है। ऐसे में आधी सजा पूरी करने, बढ़ती उम्र और कई तरह की बीमारियों को देखते हुए लालू प्रसाद को जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।
- कपिल सिब्बल की ओर से कहा गया कि इससे पहले हाई कोर्ट ने आरके राणा, जगदीश शर्मा, दयानंद कश्यप और सुनील गांधी को आधी सजा पूरी नहीं करने पर भी जमानत दी है। इसलिए लालू के मामले में
भी अदालत को जमानत देने पर विचार करना चाहिए। तब अदालत ने कहा कि कोर्ट ने सारी परिस्थितियों को देखते हुए आरके राणा, जगदीश शर्मा, दयानंद कश्यप और सुनील गांधी को आधी सजा पूरी नहीं होने के बाद भी जमानत दी है।
- सीबीआइ के अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने कहा कि लालू प्रसाद की ओर से जिस अवधि को जेल में रहने का दावा किया जा रहा है। निचली अदालत के आदेश में दुमका कोषागार मामले में जेल भेजे जाने का कोई जिक्र नहीं है। इसलिए उक्त अवधि की गणना नहीं की जा सकती है। सीबीआइ के अनुसार दुमका वाले मामले में लालू ने अब तक 37 माह 19 दिन ही जेल में बिताएं है ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है।
- चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को निचली अदालत ने सात साल की सजा सुनाई थी, जिसमें उन्होंने 42 माह से अधिक जेल में काटने का दावा करते हुए जमानत की मांग की थी।
- सीबीआइ की ओर से दस्तावेज अदालत में जमा कराए गए और यह दावा किया गया कि लालू ने अभी आधी सजा पूरी नहीं की है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
- झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू के वकील कपिल सिब्बल-सीबीआइ दोनों पक्षों को सुनने के बाद लालू की जमानत याचिका खारिज की और कहा कि आधी सजा काटने के बाद वे नई जमानत याचिका दाखिल करें।