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Suraksha App Tata Steel: कोरोना से बचाव को टाटा स्टील का सुरक्षा एप, लाल बत्‍ती जली तो नहीं उठेगा बैरियर

Jharkhand Coronavirus News. इस एप में हर कर्मचारी व उनके परिवार की मेडिकल हिस्ट्री अपडेट की जाती है। इसका उद्देश्‍य संक्रमित से दूसरे कर्मचारियों को बचाना है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 02:37 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 04:28 AM (IST)
Suraksha App Tata Steel: कोरोना से बचाव को टाटा स्टील का सुरक्षा एप, लाल बत्‍ती जली तो नहीं उठेगा बैरियर
Suraksha App Tata Steel: कोरोना से बचाव को टाटा स्टील का सुरक्षा एप, लाल बत्‍ती जली तो नहीं उठेगा बैरियर

जमशेदपुर, जासं। Jharkhand Coronavirus News टाटा स्टील ने अपने कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए एक खास एप लांच किया है। यदि कोई कोरोना संक्रमित कर्मचारी कंपनी में प्रवेश के लिए पहुंचता है तो प्रवेश द्वार के बैरियर पर लाल रंग की बत्ती जलती है, साथ ही बीप की आवाज आती है और प्रवेश द्वार पर लगा बैरियर नहीं खुलता है। कर्मचारी के पास मौजूद मोबाइल पर भी लाल रंग की बत्ती जलती है। इस तरह बैरियर पर लगे सेंसर और मोबाइल में इंस्टाल एप से यह पता चल जाता है कि अमुक व्यक्ति संक्रमित है।

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सिर्फ यही नहीं, लाल रंग जलने के साथ ही कर्मचारी के मैनेजर को भी यह मैसेज जाता है कि वह व्यक्ति संक्रमित है। इसके बाद उस व्यक्ति को वापस घर भेज दिया जाता है। कंपनी में कार्यरत लगभग 20 हजार कर्मचारियों का रिकॉर्ड इस एप में दर्ज किया गया है। यह सारी जानकारी टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के माध्यम से मिलती है, जहां सभी कर्मचारियों का इलाज किया जाता है। यदि कर्मचारी संक्रमित नहीं है तो ग्रीन बत्‍ती जलती है।

टाटा स्टील ने सुरक्षा एप को जमशेदपुर प्लांट में प्रभावी किया है। डिजिटल टेक्नोलॉजी क्वाड सेंसिंग (असेंबलेज एनालिसेस) के माध्यम से रियल टाइम ट्रैकिंग होगी। इसे हर स्थायी कर्मचारी को अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड करना है। जो कंपनी के इंटरर्नल वेबसाइट पर उपलब्ध है। हर एक कर्मचारी को अपने पर्सनल नंबर से लॉग-इन करना है।

साथ ही सभी सूचनाओं को अनिवार्य रूप से भरना और हर सप्ताह उसे भी अपडेट करना है। यदि संबधित कर्मचारी ने इसे अपडेट नहीं किया है या सही तरीके से दिए गए विकल्पों को नहीं भरा है तो कंपनी में प्रवेश के दौरान सिस्टम जब संबधित कर्मचारी के एप को रीड करेगा तो बैरियर उठेगा ही नहीं। इसका उद्देश्य वैसे कर्मचारियों को कंपनी में प्रवेश नहीं करने देना है जो संक्रमित हैं ताकि दूसरे कर्मचारियों को इससे बचाया जा सके।

आरोग्य सेतु से कई मामलों में है एडवांस

टाटा स्टील का सुरक्षा एप कई मामलों में सरकारी एप आरोग्य सेतु से एडवांस है। सुरक्षा एप लगातार कर्मचारी के परिवार, उसके आवासीय क्षेत्र, कर्मचारी की ट्रैवल हिस्ट्री, उनका मेडिकल रिकाॅर्ड सबकुछ अपडेट करता रहता है।

इन मामलों में है एडवांस

  • यदि कोई कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम है और अचानक कंपनी में एंट्री करने का प्रयास करता है तो भी कंपनी गेट का बैरियर नहीं उठेगा। क्योंकि सिस्टम में उसका रिकार्ड वर्क फ्रॉम होम है। साथ ही ऐसे कर्मचारी के विभागीय हेड को तत्काल एसएमएस प्राप्त होगा कि संबधित कर्मचारी ने वर्क फ्रॉम होम होने के बावजूद ड्यूटी आने की कोशिश की है।
  • कर्मचारियों को छुट्टी के लिए भी ऑनलाइन ही आवेदन देना होता है। यदि कर्मचारी दूसरे राज्य से यात्रा कर क्वारंटाइन हुए बिना लौटा है तो सिस्टम तब भी इसकी सूचना कंपनी प्रबंधन को देगी।
  • टाटा स्टील के हर कर्मचारी और उनके परिवार का मेडिकल रिकाॅर्ड इस एप के तहत लिंक है। यदि किसी कर्मचारी का परिवार या आश्रित दूसरे राज्य से लौटे हैं और कोविड हॉस्पिटल में इलाजरत हैं। ऐसी स्थिति में कर्मचारी को भी होम क्वारंटाइन होना होगा। क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने के समय कर्मचारी का पर्सनल नंबर ही उसकी पहचान होती है।
  • यदि किसी कर्मचारी को कोविड के सिम्टोमैटिक लक्षण हैं और उसने अपनी जांच टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा मेन हॉस्पिटल में कराई है तो सिस्टम ऑटोमैटिक रूप से इसे भी ट्रैक करते हुए उसकी एंट्री पर रोक लगा देगा।

ठेका कर्मचारियों को मिले हैं सुरक्षा कार्ड

टाटा स्टील में वैसे ठेका कर्मचारी, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं हैं और वे ड्यूटी कर रहे हैं, कंपनी प्रबंधन ने उन्हें सुरक्षा एप के बजाय सुरक्षा कार्ड दिया है। हर सप्ताह सभी कर्मचारियों के सुरक्षा कार्ड को अपडेट करने की जिम्मेदारी उस ठेका कंपनी के सुपरवाइजर की होगी। इस एप में कर्मचारी का नाम, परिवार के सदस्यों की संख्या, उनके आवासीय क्षेत्र के आसपास कंटेनमेंट जोन की स्थिति, कोविड जांच का पूरा अपडेट उसमें होगा।

यदि किसी स्थायी कर्मचारी या ठेकाकर्मी का कार्ड ठीक से भरा नहीं तो कंपनी परिसर के एंट्री प्वाइंट का सिस्टम ऑरेंज हो जाएगा। यानि संबधित कर्मचारी ने अपना विवरण भरने में कोई गलती की है। मौके पर मौजूद आइटी व एचआर की टीम तत्काल उनसे बात कर उनकी जानकारी को सिस्टम में अपडेट करेंगे।

टाटा स्टील अपने कर्मचारियों की सुविधा और सुरक्षा का ख्याल रखने में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर क्षेत्र की अग्रणी कंपनी है। फिर चाहे पीएफ कटौती की बात हो या मातृत्व-पितृत्व अवकाश की। टाटा स्टील ने ही देश में सबसे पहले इसकी शुरुआत की जिसे बाद में दूसरी कंपनियों ने अपने यहां प्रभावी किया। कोरोना काल में टाटा स्टील का पहला उद्देश्य उत्पादन को सुचारू रूप से जारी रखते हुए कर्मचारियों को कोविड 19 के संक्रमण से बचाना रहा है। क्योंकि टाटा स्टील अपने मैनपावर को ही अपनी संपत्ति मानती है।

'टाटा स्टील ने सभी स्थायी व ठेका कर्मचारियों के लिए सुरक्षा एप लांच किया है। इसे जल्द ही पूरे इंडियन ऑपरेशन में प्रभावी किया जाएगा। इस एप में हर एक कर्मचारी का विवरण आइटी से लिंक है जो उन्हें रियल टाइम ट्रैक करेगा। इसका उद्देश्य कंपनी में प्रभावी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेज्योर (एसओपी) का अनुपालन कराते हुए कार्यस्थल पर सुरक्षा बनाना है।' -रुना राजीव कुमार, हेड, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन, झारखंड।


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