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टास्‍क फोर्स का निर्देश, ऑक्सीजन के लिए सिलेंडरों पर आश्रित न रहें अस्पताल

Ranchi Jharkhand News Hindi Samachar स्वास्थ्य विभाग ने सभी उपायुक्तों सिविल सर्जनों को कार्रवाई का आदेश दिया है। टास्क फोर्स ने शीघ्र लिक्विड ऑक्सीजन टैंक या पीएसए प्लांट लगाने की अनुशंसा की है। लिक्विड ऑक्सीजन टैंक लगाकर ऑक्‍सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करें।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 07:11 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 07:15 PM (IST)
Ranchi Jharkhand News Hindi Samachar लिक्विड ऑक्सीजन टैंक लगाकर ऑक्‍सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करें।

रांची, राज्य ब्यूरो। Ranchi Jharkhand News Hindi Samachar कोरोना वायरस संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों में अस्पतालों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गठित ऑक्सीजन टास्क फोर्स ने कहा है कि अस्पताल ऑक्सीजन के लिए सिर्फ सिलेंडरों पर निर्भर न रहें। यह आवश्यक है कि कोरोना मरीजों का इलाज करनेवाले सभी अस्पताल ऑक्सीजन की आपूर्ति की स्थायी व्यवस्था करें। टास्क फोर्स ने कहा है कि मरीजों की संख्या बढ़ने पर सिलेंडरों से ऑक्सीजन आपूर्ति में परेशानी हो सकती है।

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ऑक्सीजन टास्क फोर्स के अध्यक्ष सह उद्योग निदेशक जितेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को आगाह करते हुए कहा है कि वर्तमान में अधिसंख्य अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सिलेंडरों के माध्यम से हो रही है। रांची में ही महज पांच रिफलिंग प्लांट हैं, जिनकी क्षमता से अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति रिम्स, सदर अस्पताल सहित 40 से 50 अस्पतालों को की जा रही है। उन्होंने कहा कि तकनीकी खराबी होने के कारण किसी भी रिफलिंग प्लांट में ब्रेकडाउन हुआ तो गंभीर परेशानी हो सकती है।

ऐसे में किसी बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन टैंक लगाकर पाइपलाइन के माध्यम से या प्रेशर स्विंग एडजाॅर्पशन (पीएसए) तकनीक से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो। इधर, टास्क फोर्स की सिफारिश पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के निदेशक रविशंकर शुक्ला ने सभी उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को अस्पतालों में इसकी व्यवस्था अविलंब करने को कहा है।

बता दें कि लिक्विड ऑक्सीजन टैंक में लिक्विड ऑक्सीजन जमा कर पाइप के माध्यम से उसे गैस के रूप में मरीजों तक पहुंचाया जाता है। वहीं, पीएसए तकनीक के माध्यम से वायुमंडल से हवा लेकर उससे ऑक्सीजन अलग किया जाता है। केंद्र सरकार ने पीएम केयर फंड से इसी तकनीक से अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति दी है। झारखंड के भी कई अस्पतालों में इस तकनीक वाले प्लांट लगाने की कार्रवाई की जा रही है।


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