Tablighi Jamaat: मस्जिद में छिपने वालों, महामारी फैलाने वालों को नहीं दी जमानत, 16 मौलवियों को कोर्ट का झटका
टूरिस्ट वीजा पर भारत में दाखिल हुए इन सभी 16 विदेशी स्कॉलरों को 30 मार्च को राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी इलाके की बड़ी मस्जिद और मदीना मस्जिद से गिरफ्तार किया गया था।
रांची, जासं। तब्लीगी जमात से जुड़े 16 विदेशियों की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी गई। आरोपितों की ओर से तर्क दिया गया कि वे भूलवश लॉकडाउन में फंस गए थे, जमानत दे दी जाए। इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी फहीम किरमानी ने कहा कि यह पासपोर्ट एक्ट और वीजा एक्ट का उल्लंघन का मामला है।
अदालत ने कहा, आप लोग भारत घूमने आए थे। पर्यटन स्थल पर घूमने के बजाय आप धर्म प्रचार में जुटे रहे। संक्रमण की चपेट में आने के बाद भी अपनी पहचान छिपाकर मस्जिद में छिपे रहे। महामारी फैलाने में मदद दी। आप लोगों को रियायत नहीं दी जा सकती है। वहीं, तब्लीगियों को पनाह देने वाले हिंदपीढ़ी के हाजी मेराज उर्फ मेराजुद्दीन को पांच हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई।
कोर्ट में सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। सात अप्रैल को आरोपितों के खिलाफ हिंदपीढ़ी थाना में वीजा उल्लंघन, एपिडेमिक डिजीज एक्ट, द फॉरेन एक्ट और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। कोर्ट के फैसले के बाद सात को होटवार कैंप जेल और अन्य को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया।
30 मार्च को हुए थे गिरफ्तार
रांची पुलिस ने 30 मार्च को हिंदपीढ़ी बड़ी मस्जिद एवं मदीना मस्जिद में छिपे तब्लीगी जमात से जुड़े 17 विदेशियों एवं एक स्थानीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इसमें चार महिलाएं भी हैं। पुलिस टीम ने सभी को मेडिकल निगरानी के लिए क्वारंटाइन करते हुए खेलगांव स्थित आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया था। इनमें से दो विदेशी कोरोना संक्रमित पाए गए। इलाज के बाद अब वे स्वस्थ हो गए हैं। जिन 17 विदेशियों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें से 16 ने जमानत की अर्जी दाखिल की थी। मलेशियाई नदीम खान ने बेल फाइल नहीं की थी।
जमानत के बाद भेजे गए जेल
हॉलैंड के शिफुल इस्लाम, वेस्टइंडीज के मूसा जाल्लव, अफ्रीका के जांबिया निवासी फारिमांग, शिफोन हुसैन खान, मलेशिया के नौर कमरूज्जमां, महाजिर बिन खामिश, मो. शफीक बिन मतीशा, मोहम्मद अजीम और नदीम खान।
ये रहेंगे होटवार कैंप में
यूके निवासी काजी दिलवर हुसैन, जाहिद कबीर, महासिन अहमद, वेस्ट इंडीज निवासी फारूक अल्बर्ट खान, मलेशिया निवासी नौर रशीदा, शीती आयशा, नौर हयाती।
लंदन का जाहिद कबीर, शिपहान हुसैन खान, यूके का महासीन अहमद, काजी दिलावर हुसैन, वेस्टइंडीज का फारूख अल्बर्ट खान, हॉलैंड का मो. सैफुल इस्लाम, त्रिनिदाद का नदीम खान, जांबिया का मूसा जालाब, फरमिंग सेसे, मलेशिया का सिति आयशा बिनती, नूर रशीदा बिनती, , नूर हयाती बिनती अहमद, नूर कमरूजामा, महाजीर बीन खामीस, मो. शफीक एवं मो. अजीम