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Tablighi Jamaat: बड़ी मस्जिद से पकड़े गए 16 विदेशी मौलवियों को सेंट्रल जेल में रखने से इन्‍कार

Tablighi Jamaat Nizamuddin Markaz रांची के बिरसा मुंडा जेल प्रशासन द्वारा जेल में रखने से इन्कार के बाद पुलिस-प्रशासन ने आइसोलेशन सेंटर को ही कैंप जेल बना दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 07:24 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 03:55 PM (IST)
Tablighi Jamaat: बड़ी मस्जिद से पकड़े गए 16 विदेशी मौलवियों को सेंट्रल जेल में रखने से इन्‍कार
Tablighi Jamaat: बड़ी मस्जिद से पकड़े गए 16 विदेशी मौलवियों को सेंट्रल जेल में रखने से इन्‍कार

रांची, जासं। Tablighi Jamaat Nizamuddin Markaz टूरिस्ट वीजा पर भारत देश में आकर धर्म प्रचार करने और लॉकडाउन उल्लंघन के आरोपित 17 विदेशियों सहित 18 के लिए खेलगांव स्थित आइसोलेशन सेंटर अब कैंप जेल बन गया है। रांची जिला प्रशासन और जेल प्रशासन की सुरक्षा में 16 विदेशी और एक उन्हें शेल्टर देने का एक आरोपित खेलगांव आइसोलेशन सेंटर में ही रह रहा है। जबकि एक वेस्ट इंडीज का एक विदेशी फिलहाल रिम्स के कोविड-19 वार्ड में भर्ती है।

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बता दें कि रांची पुलिस ने कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजने की अनुमित के बाद सभी विदेशियों को जेल में रखने के लिए भेजा था। लेकिन संक्रमण फैलने की आशंका और जेल में विधि व्यवस्था बिगड़ने की बात कह सभी को लौटा दिया था। इसके बाद उन्हें आइसोशन सेंटर में ही कड़ी सुरक्षा के बीच अस्थाई कैंप जेल में रखा जा रहा है। हालांकि जेल प्रशासन की ओर से रांची पुलिस से कहा गया है कि पूरी तरह से मेडिकल फिट घोषित करने के बाद विदेशियों को जेल में रखा जा सकता है। बताते चलें कि रांची पुलिस ने बीते 30 मार्च को हिंदपीढ़ी बड़ी मस्जिद एवं मदीना मस्जिद में छिपे तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों एवं एक स्थानीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इसमें चार महिलाएं भी शामिल हैं। 

18 अप्रैल को सभी लिए गए न्यायिक हिरासत में

17 विदेशियों और एक स्थानीय आरोपित को पुलिस ने बीते 18 अप्रैल को ही कोर्ट में प्रस्तुत कर नयायिक हिरासत में भेजने की अनुमति मांगी थी। उस समय से सभी को पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। न्यायिक हिरासत के लिए रांची पुलिस ने मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी फहीम किरमानी की अदालत में आवेदन दिया था। जूम ऐप के माध्यम से अदालत में सुनवाई हुई थी। आरोपितों को क्वारंटाइन होम से ही एक-एक कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया। नाम, पता पूछने के उपरांत अदालत ने रिमांड आवेदन की स्वीकृति दे दी। आरोपितों के खिलाफ हिंदपीढ़ी थाना में आइपीसी की धारा 188, 269, 270, 271, एपिडेमिक डिजीज एक्ट की सेक्शन बी, द फॉरेन एक्ट 1946 की धारा 13/14 (बी)-(सी) और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट  के तहत केस दर्ज किया गया है। 

ये हैं न्यायिक हिरासत में

रिमांड पर लिए आरोपितों में  लंदन का जाहिद कबीर, शिपहान हुसैन खान, यूके का महासीन अहमद, काजी दिलावर हुसैन, वेस्टइंडीज का फारूख अल्बर्ट खान, हॉलैंड का मो. सैफुल इस्लाम, त्रिनिदाद का नदीम खान, जांबिया का मूसा जालाब, फरमिंग सेसे, मलेशिया का सिति आयशा बिनती, कोरोना पॉजिटिव रह चुकी महिला, नूर हयाती बिनती अहमद, नूर कमरूजामा, महाजीर बीन खामीस, मो. शफीक एवं मो. अजीम शामिल है। इनमें सबसे पहले मलेशाई युवती कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी, जो ठीक हो चुकी है। इसके बाद दोबारा टेस्ट कराने के दौरान एक वेस्टइंडीज के नागरिक को कोरोना संक्रमित पाया गया है। जो रिम्स में इलाजरत है।


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