वज्रपात से झुलसी महिला को ले भटकते रहे स्वजन, नहीं मिला उपचार
ओरमांझी थाना क्षेत्र के आदर्श ग्राम कोवालू निवासी विजय मुंडा की पत्नी 29 वर्षीय जुगनी देवी व्रजपात की चपेट में आकर झुलस गई। पर रामगढ़ व रांची के अस्पतालों में भटने के बाद उसका इलाज नहीं हो सका। बाद में उसकी जान बचाने के लिए गोबर में डालना पड़ा।
ओरमांझी : ओरमांझी थाना क्षेत्र के आदर्श ग्राम कोवालू निवासी विजय मुंडा की पत्नी 29 वर्षीय जुगनी देवी व्रजपात की चपेट में आ कर घायल हो गई। घायल जुगनी देवी की जान बचाने के लिए ग्रामीणों ने उसे गोबर में डाला। मंगलवार को शाम को बारिश होने लगी। बारिश होता देख जुगनी देवी घर के बाहर जानवरों को लाने चली गई। उसी दौरान वज्रपात हुआ और वह घायल हो गई। ग्रामीणों द्वारा बेहोश महिला को उठाकर पहले उपचार के सीएचसी ओरमाझी ले जाया गया। सीएचसी बंद रहने के कारण वहा उपचार नहीं मिला। इसके बाद उसे रामगढ़ ले जाया गया। रामगढ़ में भी कहीं उपचार नहीं मिला। इधर, जुगनी देवी को दर्द से कराहते देख ग्रामीण उसे गाव ले आए और उसकी जान बचाने के लिए गोबर में डाल दिया। महिला को उपचार की जरूरत देखते हुए ग्रामीण उसे फिर उपचार के लिए मेदाता हॉस्पिटल ले गए। लेकिन, वहा भी उसे उपचार नहीं मिला। सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मेदाता पहुंच गई थी। फिर भी महिला को उपचार नहीं मिला और ग्रामीण इमेरजेंसी के दरवाजे पर महिला को रखकर उपचार का इंतजार करते रहे। काफी देर बाद भी उपचार नहीं मिला और उसे दर्द से कराहती देख ग्रामीण उसे उपचार के लिए रिम्स ले गए। बताया गया घायल महिला जुगनी देवी गाव की एसएचजी गु्रप से जुड़ी हुई है।
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बुढ़मू में वज्रपात से एक की मौत
संसू, बुढ़मू : बुढ़मू प्रखंड के बाड़े गाव में मंगलवार की दोपहर लगभग तीन बजे हुए वज्रपात से 60 वर्षीय मंगरा पाहन की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार मंगरा गाव से हेसलपिरी बाजार जा रहा था। इसी क्रम में वज्रपात हुआ और वह उसकी चपेट में आ गया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
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बेड़ो में वज्रपात से मवेशियों की मौत
संसू, बेड़े : बेड़ो प्रखंड के कराजी गाव में मंगलवार की शाम लगभग साढ़े पाच बजे अचानक आई बारिश के बीच ठनका गिरने से संतोष गोप की एक दुधारू गाय और दो बकरियां मर गई। घटना के समय सभी मवेशी कराजी डैम के समीप पेड़ के नीचे थे। घटना की जानकारी मिलने पर पंचायत के मुखिया साजर तिर्की ने प्रखंड प्रशासन से उचित मुआवजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया। इधर, किसान संतोष गोप ने बताया कि इस घटना से उसके ऊपर विपत्ति का पहाड़ टूट गया है। कोरोना संकट काल में सभी खेतीबारी पहले से चौपट हो गई है। अब तीनों मवेशियों की मौत हो जाने से मेरी सारी पूंजी ही चली गई।