Swadeshi Jagran Manch: स्वदेशी जागरण मंच ने किया आह्वान, विदेशी ई कामर्स कंपनियां व चाइनीज सामान का बहिष्कार करें
Swadeshi Jagran Manch स्वदेशी जागरण मंच ने लोगों से आह्वान किया है कि इस दीपावली पर चाइनीज सामान का बहिष्कार करें। विदेशी ई कामर्स कंपनियों से सामान आनलाइन नहीं मंगवाएं। हम छोटे -छोटे उन दुकानदारों की भी चिंता करें जिनके घरों में दीपावली मनाई जाती है।
रांची {संजय कुमार}। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने लोगों से आह्वान किया है कि इस दीपावली पर चाइनीज सामान का पूरी तरह बहिष्कार करें। साथ ही विदेशी ई कामर्स कंपनियों से सामान आनलाइन नहीं मंगवाएं। हम छोटे -छोटे उन दुकानदारों की भी चिंता करें जिनके घरों में दीपावली मनाई जाती है। हम खरीदारी उन्हीं दुकानदारों से ही करें। स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री कश्मीरी लाल ने कहा कि भारत के लोगों व व्यापारियों के प्रयास से चीन से आयात में 20 से 22 अरब डालर की कमी आई है। अब व्यापार 40 से 42 अरब डालर पर आ गया है।
इसमें और कमी लाने का प्रयास करना है। दीपावली में तय करें कि अपने यहां के बने सामान ही खरीदेंगे और चाइनीज सामान नहीं खरीदेंगे। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पटाखा छोङेंगे भी तो स्वदेशी पटाखा ही। उल्लेखनीय है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी विजयादशमी उत्सव के अपने संबोधन में स्वदेशी सामान का उपयोग करने का आह्वान लोगों से किया है।
छह से सात करोड़ हैं छोटे दुकानदार
कश्मीरी लाल ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि देश में 6 से 7 करोड़ वैसे दुकानदार हैं जो सङकों के किनारे, मोहल्लों व छोटी छोटी जगहों पर दुकान लगाते हैं। इन छोटे दुकानदारों से देश के 12 प्रतिशत लोगों को रोजगार मिला हुआ है। ई कामर्स कंपनियों से खरीदारी के कारण इनका व्यापार प्रभावित हो रहा है। इसलिए दीपावली पर हमलोग इनलोगों से ही खरीदारी करें ताकि इनके घरों में भी अच्छे से दीपावली मन सके। यदि जरूरत हो भी तो स्वदेशी ई कामर्स कंपनियों से ही सामान मंगवाएं।
स्थानीय उत्पादों को दें बढावा
संगठन मंत्री ने कहा कि दीपावली में अपने देश में निर्मित ही झालर, तोरण और सजावट के सभी सामान की खरीदारी कर स्थानीय उत्पादों को बढावा दें। स्थानीय कुम्हारों द्वारा निर्मित मिट्टी के दीये व गाय के गोबर से तैयार दीयों का ही उपयोग करें। चीन से आयातित लक्ष्मी और गणेशजी की मूर्ति भी उपयोग नहीं करते हुए स्थानीय कुम्हार द्वारा निर्मित मूर्ति ही पूजा के लिए घरों में लाएं। सभी लोगों के प्रयास से स्थानीय उत्पादों को बढावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा।