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JPSC 6th Mains: छठी जेपीएससी मामले में हाई कोर्ट का आदेश बरकरार, सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी खारिज

JPSC 6th Mains सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल की गई एसएलपी की सुनवाई करते हुए कहा कि हाई कोर्ट का आदेश सही है। हस्तक्षेप नहीं कर सकते।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 08:49 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 08:49 PM (IST)
JPSC 6th Mains: छठी जेपीएससी मामले में हाई कोर्ट का आदेश बरकरार, सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी खारिज
JPSC 6th Mains: छठी जेपीएससी मामले में हाई कोर्ट का आदेश बरकरार, सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी खारिज

रांची, राज्य ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें अदालत ने छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में से 6103 अभ्यर्थियों के परिणाम जारी करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार के संकल्प को खारिज कर दिया था। दरअसल, छठी जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के बाद फरवरी 2018 में सरकार ने शर्तों में बदलाव किया, जिससे मुख्य परीक्षा के लिए 34,634 अभ्यर्थियों पास हुए।

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इस मामले में सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सरकार के आदेश को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होने के बाद उसकी शर्तों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। इस मामले में राजकुमार मिंज की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया था, ताकि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एसएलपी दाखिल होने पर उनका भी पक्ष सुना जा सके।

झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिलीप कुमार सहित अन्य अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पीटिशन) दाखिल किया था। शुक्रवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस इंदु मलहोत्रा व जस्टिस अजय रस्तोगी की अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने के बाद सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट का आदेश सही है। इसके बाद अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए अभ्यर्थियों की एसएलपी को खारिज कर दिया।

यह है मामला

सरकार की अधियाचना पर झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने विज्ञापन संख्या 23/2016 निकाला था। इसके तहत प्रशासनिक सेवा के लिए 143, वित्त सेवा-104, शिक्षा सेवा-36, सहकारिता सेवा-09, सामाजिक सुरक्षा-03, सूचना सेवा-07, पुलिस सेवा-06, योजना सेवा के 18 पदों पर नियुक्ति होनी थी। इसके लिए एक लाख से ज्यादा आवेदन आए। प्रारंभिक परीक्षा में 6,103 अभ्यर्थी सफल हुए।

इसके बाद सरकार ने एक बार फिर से संशोधित परिणाम जारी करने का निर्णय लिया और 12 फरवरी 2018 को इसके लिए संकल्प जारी कर दिया। इसके बाद जेपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया, जिसमें 34,634 अभ्यर्थी सफल हुए, जिन्हें मुख्य परीक्षा में शामिल किया गया। इसे पंकज कुमार पांडेय ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार के संशोधन के आदेश को खारिज कर दिया था और मुख्य परीक्षा में 6,103 अभ्यर्थियों का ही परिणाम जारी करने का आदेश दिया था।


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