सुंदरीकरण ने हरमू नदी को दे दी काला पानी की सजा
रांची : हरमू नदी के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण की योजना ने नदी को काला पानी की सजा दी है। हरमू नदी का पानी पूरा काला हो गया है।
जागरण संवाददाता, रांची : हरमू नदी के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण की योजना ने नदी को काला पानी की सजा दी है। लगभग 69 करोड़ की लागत से हरमू नदी के कायाकल्प की योजना तैयार की गई थी। घरों से निकलने वाले गंदा पानी को नदी में गिरने से रोकने के लिए 10.5 किमी. सीवर लाइन भी बिछाई गई। एक-एक घर को सीवर लाइन से कनेक्ट करने के लिए प्रत्येक घर के सामने प्रॉपर्टी चैंबर भी बनाए गए। हालांकि इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद भी नदी के पानी को स्वच्छ करने में सफलता नहीं मिली। दरअसल, हरमू नदी में शहर के विभिन्न हिस्सों से बड़े नाला के माध्यम से घरों से निकलने वाला गंदा पानी बहाया जा रहा है। नतीजतन हरमू नदी नाला में परिवर्तित हो गई है। सिर्फ यही नहीं नदी की निचली सतह कूड़े-कचरों से भरी पड़ी है। नदी के इर्द-गिर्द पहुंचते ही नदी के पानी से दुर्गध आ रही है। छह एसटीपी भी सीवरेज के पानी को साफ करने में नाकाम
हरमू नदी के किनारे स्थित घरों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ करने के लिए जुडको ने छह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कराया। सीवरेज को पानी को साफ करने के लिए बायो रीमेडिएशन तकनीक के तहत एसटीपी का निर्माण कराया गया। मुक्ति धाम के समीप एसटीपी नंबर-1, आस्था चाइल्ड केयर एंड हॉस्पीटल के समीप एसटीपी नंबर-2, होटल रेडिशन ब्लू के समीप एसटीपी नंबर-3 व 4 और अमरावती कॉलोनी में एसटीपी नंबर-5 व 6 का निर्माण कराया गया। अब 11.5 एमएलडी क्षमता के एसटीपी पर सवाल उठ रहे हैं। अब लगाए जाएंगे कन्वेंशनल एसटीपी
नगर विकास विभाग के निर्देश पर अब जुडको नदी के काला पानी को साफ करने की तैयारी कर रहा है। नदी से जुड़े सभी बड़े नालों व नालियों को एसटीपी से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। नई योजना के तहत अब हरमू नदी के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण की योजना की लागत भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। जुडको के अधिकारी ने बताया कि अब कन्वेंशनल एसटीपी लगाने के लिए नए सिरे से डीपीआर तैयार की जा रही है।