सुबोधकांत सहाय के रुख पर सुखदेव भगत ने उठाए सवाल
प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने पूर्व केंद्रीयमंत्री सुबोधकांत सहाय के रुख पर सवाल उठाए हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड कांग्रेस में पार्टी लाइन से इतर कामकाज की प्रवृत्ति पर विवाद उठ खड़ा हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने ही खुद इस पर सवाल उठाए हैं। गुरुवार को उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीयमंत्री सुबोधकांत सहाय द्वारा बार-बार विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक बुलाने का आदेश पार्टी नेतृत्व का नहीं है। वे अपने स्तर से इसे कर रहे हैं।
इस संबंध में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व अथवा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह से भी उन्हें कोई आदेश नहीं मिला है। अगर व्यक्तिगत स्तर से वे विपक्षी एकता की कवायद कर रहे हैं तो इसे कांग्रेस की पहल न बताई जाए। गौरतलब है कि हाल के महीनों में पूर्व केंद्रीयमंत्री सुबोधकांत सहाय ने कई मौके पर विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। इसमें झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी समेत कई विपक्षी दलों के नेता शामिल होते रहे हैं।
शुक्रवार को भी उन्होंने बिहार क्लब में विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक बुलाई है। कांग्रेस के भीतर इसे लेकर खेमेबंदी है। शीर्ष नेतृत्व को भी यह जानकारी दी गई है कि बगैर विश्वास में लिए सुबोधकांत सहाय पार्टी लाइन से इतर बैठकें कर रहे हैं। इससे गलत संदेश जा रहा है। ऐसी बैठकों में हिस्सेदारी के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की सहमति आवश्यक है।
रुक नहीं रही खेमेबंदी
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह की लाख कोशिशों के बावजूद पार्टी की गुटबाजी थम नहीं रही है। हालांकि उनकेप्रयास से नेताओं ने एक-दूसरे पर निशाना साधना कम कर दिया है। आरपीएन सिंह ने गुटबाजी को देखते हुए तमाम वरीय नेताओं को टास्क सौंप रखे हैं। नोटबंदी का विरोध करने के लिए भी उन्होंने यही नुस्खा अपनाया। उन्होंने अलग-अलग इलाकों में सक्रिय नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी और स्वयं रांची में होने वाले कार्यक्रमों में उपस्थित रहे।