Post COVID Symptoms: कोरोना से उबरे मरीजों में बढ़ रही शुगर व हृदय रोग की समस्या, जानें क्या कहते हैं डॉक्टर
COVID Update Jharkhand News रांची सदर अस्पताल के ओपीडी में पोस्ट कोविड के कई मामले आ रहे हैं। रिकवर होने वाले 30 से 50 की उम्र वाले लोगों में तेजी से हार्ट से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल रही हैं।
रांची, जासं। कोविड 19 से ठीक होने वाले लोगों में डायबिटीज और हृदय रोग से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। रांची सदर अस्पताल में पोस्ट कोविड की ओपीडी में रोजाना 4 मामले ह्रदय रोग, 5 डायबिटीज और चार मामले सांस लेने में तकलीफ को लेकर पहुंच रहे हैं। यही हाल रिम्स के इमरजेंसी वार्ड में देखने को मिल रहा है। कार्डियोलॉजी विभाग के इमरजेंसी में औसतन 25 से 30 मरीज पहुंच रहे हैं। फिलहाल यह संख्या और भी बढ़ सकती है लेकिन ओपीडी की सेवा बंद होने के कारण मरीज अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। इसमें पोस्ट कोविड के चार से पांच मामले रहते हैं।
रिकवर होने वाले 30 से 50 की उम्र वाले लोगों में तेजी से हार्ट से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। चिकित्सक का कहना है कि सांस लेने में दिक्कत महसूस होना, चेस्ट पेन, अचानक हार्ट बीट का बहुत तेज या धीमा हो जाना, हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर जैसी दिक्कतें शामिल हैं। ओरमांझी के संतोष कुमार को कोविड के पहले डायबिटीज की शिकायत नहीं थी। लेकिन कोरोना बीमारी से ठीक होने के बाद उन्हें डायबिटीज की शिकायत होने लगी। मरीज इस संबंध में अस्पताल भी गया था। यहां डॉक्टर ने हेल्थ चेकअप कर परामर्श दिया।
यहां सिर्फ संतोष कुमार में ही नहीं, बल्कि कोरोना के ऐसे कई मरीज हैं जिनमें डायबिटीज की समस्या देखने को मिल रही है। बताया जा रहा है कि इलाज के दौरान उन्हें हाई स्ट्राइड भी दिया गया था। इसके कारण अब लोगों में धीरे-धीरे मधुमेह की शिकायत बढ़ने लगी है। डॉक्टर अजीत कुमार का कहना है कि पोस्ट कोविड के बाद मरीजों को अपने स्वास्थ्य की जांच जरूर करानी चाहिए। कई मामलों में देखा गया है कि मरीज को डायबिटीज, मधुमेह, सांस की समस्या और अन्य परेशानियां उनमें देखने को मिल रही हैं।
कई मरीज शिकायत लेकर पोस्ट कोविड के ओपीडी में पहुंच रहे हैं। रिम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रशांत कुमार का कहना है कि रिम्स के इमरजेंसी वार्ड में ह्रदय रोगी पहुंच रहे हैं। इसमें पोस्ट कॉविड के कुछ मरीज हैं तो कुछ सामान्य हृदय रोगी के मरीज हैं। कोविड के बाद भी शरीर में इन्फ्लेमेशन और ब्लड क्लॉटिंग यानी खून का थक्का जमने की समस्या होती है। इस वजह से मरीजों में हार्ट से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। मरीजों में हाइपरटेंशन और घबराहट महसूस होने से लेकर हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक और पल्मोनरी एम्बोलिज्म जैसी गंभीर दिक्कतें भी देखने को मिल रही हैं।
फिजिशियन डॉ. केके कदम ने कहा कि चक्कर आना, सिर घूमना, सिर में दर्द रहना, घबराहट महसूस होना, हाइपरटेंशन, उल्टी आना, पसीना आना, सांस फूलना, चेस्ट पेन जैसी हल्की फुल्की दिक्कत भी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बीमारी को अगर शुरुआत में ही डायग्नोज कर लिया जाए और इलाज समय पर शुरू हो जाए तो मरीज को आगे चलकर बेहतर जीवन जीने में मदद मिलती है।