CBSE व CISCE की 12वीं परीक्षा रद होने से विद्यार्थी व प्राचार्य खुश, कहा- अब लक्ष्य तय कर आगे बढ़ने का समय
CBSE Class 12 CBSE Latest News रांची से सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में 11000 व सीआइएससीई की 12वीं में 3000 छात्र-छात्राओं को शाामिल होना था। इधर प्राचार्यों ने परीक्षा रद होने के फैसले काे सही ठहराया है।
रांची, जासं। सीबीएसई यानि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व सीआइएससीई यानि द काउंसिल फाॅर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन बोर्ड की 12वीं परीक्षा रद होने के फैसले से अधिकतर छात्र-छात्राएं खुश हैं। कुछ इस फैसले से परेशान भी हैं। क्योंकि एनडीए, सीडीएस, एम्स मेडिकल सहित कुछ अन्य परीक्षाओं में 12वीं में मिले अंक प्रतिशत को देखा जाता है। रांची से सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में 11000 व सीआइएससीई की 12वीं में 3000 छात्र-छात्राओं को शाामिल होना था। इधर, प्राचार्यों ने परीक्षा रद होने के फैसले काे सही ठहराया है। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण की वर्तमान परिस्थिति को देखते यह उचित हुआ। छात्र इधर-उधर की बातों पर ध्यान न दें। तनाव रहित होकर लक्ष्य तय कर आगे बढ़ें।
प्राचार्यों ने कहा
'वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सीबीएसई की 12वीं परीक्षा रद करने का फैसला सही है। परीक्षार्थी तनाव में थे कि परीक्षा होगी या नहीं। अब क्लियर हो गया है। छात्र-छात्राओं को अब जेईई, मेडिकल की तैयारी पर फोकस करना चाहिए। उन्हें तैयारी का अच्छा समय मिल गया है। इसे एक अवसर के तौर पर देखें।' -डाॅ. राम सिंह, सिटी को आर्डिनेटर, सीबीएसई सह प्राचार्य डीपीएस।
'परीक्षा रद हाेने को छात्र किस रूप में लेते हैं, यह उन्हें समझना और तय करना है। मेरा मानना है कि उनके पास अभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का एक अवसर मिल गया है। समय का सदुपयोग कर आगे बढ़ें। कुछ लोग सोचते हैं कि इस रिजल्ट का कितना महत्व हेागा। उन्हें समझना चाहिए कि यह वैश्विक महामारी है।' -डाॅ. मनोहर लाल, प्राचार्य, गुरुनानक स्कूल।
'परीक्षा रद करने का फैसला सही है। वैसे भी जो रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे, उनके लिए परीक्षा में शामिल होने का मौका होगा। छात्र-छात्राओं का स्वस्थ रहना ज्यादा जरूरी था। 12वीं के आगे भी बड़ा महत्व है, लेकिन इस वर्ष उत्तीर्ण होने छात्रों को विशेष सुविधा दी जा सकती है।' -समरजीत जेना, प्राचार्य, जेवीएम श्यामली।
'परीक्षा रद होने के फैसले से अधिकतर विद्यार्थी खुश हैं। ऐसा नहीं है कि विद्यार्थियों की तैयारी नहीं है। दरअसल उन्हें जेईई मेन व एडवांस, मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए अधिक समय मिल गया। अन्य संकाय के विद्यार्थी भी क्लैट सहित अन्य परीक्षाओं की तैयारी में समय दें।' -एमके सिन्हा, सहायक क्षेत्रीय निदेशक, डीएवी जोन बी।
'अब बच्चे तनाव रहित होकर प्रतियोगी परीक्षा या स्नातक की पढ़ाई शुरू कर दें। अंक से अधिक आपकी प्रतिभा ही आपके जीवन में काम आती है। प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के लिए आपका नॉलेज मायने रखता है। इसलिए मौके को भुना लें। इधर-उधर की बातों पर ध्यान नहीं दें।' -डाॅ. अशोक, प्राचार्य, डीएवी आलोक।
बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा
प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने सीबीएसई एवं सीआइएससीई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद करने के फैसले का स्वागत किया है। कहा कि उन्होंने सीबीएसई एवं शिक्षा मंत्री से परीक्षा रद करने की मांग की थी। कोरोना संक्रमण के कारण कई बच्चों ने अपने माता-पिता एवं परिजनों को खोया है। ऐसे में उनकी तैयारियां भली-भांति रूप से नहीं हो सकी। सीबीएसई के इस निर्णय से बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा एवं अगले क्लास में उनकी तैयारी अच्छी होगी।
प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत
झारखंड पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने परीक्षा रद करने के फैसले का स्वागत किया है। इसके लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। कहा, एसोसिएशन परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर मुखर रहा। इस फैसले से लाखों छात्रों और अभिभावकों को, जो कोरोना के कारण मानसिक परेशानियों से गुजर रहे थे, अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति उन्हें अब थोड़ा सुकून मिला होगा।