झारखंड में हड़तालियों को हवा देने में जुटा विपक्ष
Strategy of JMM. झाविमो और राजद ने आंदोलनकारियों के समर्थन में राजभवन के समक्ष धरना तक की घोषणा की है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में ऐसा संभवत: पहली बार हुआ है, जब एक साथ सरकार की लगभग आधा दर्जन इकाइयां हड़ताल पर उतर आई हैं। एक साथ हजारों कर्मियों के आंदोलन ने जहां सरकार को पसोपेश में ला खड़ा कर दिया है, वहीं राज्य के विपक्षी दलों को मानों बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। सभी दल आंदोलनकारियों के समर्थन में आ खड़े हो गए हैं। सभी का एक ही दावा, विपक्ष की सरकार बनी तो तमाम मुद्दों का त्वरित समाधान निकलेगा, अस्थायी कर्मी स्थायी किए जाएंगे।
झाविमो और राजद जैसे क्षेत्रीय दलों ने तो आंदोलनकारियों के समर्थन में क्रमश: 29 और 30 नवंबर को राजभवन के समक्ष धरना तक की घोषणा कर दी है। झामुमो सुप्रीमो सह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने सत्ता में आते ही अस्थायी तौर पर बहाल कर्मियों को स्थायी करने की घोषणा पूर्व में ही कर चुके हैं।
बताते चलें कि राज्य के लगभग सात हजार मनरेगाकर्मी जहां 16 नवंबर से बेमियादी हड़ताल पर हैं, वहीं राज्य के 4398 मुखिया 15 नवंबर से कलमबंद हड़ताल पर चल रहे हैं। इसी तरह एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 67 हजार पारा शिक्षक 15 नवंबर से हड़ताल पर डटे हैं।
इसी कड़ी में 26 नवंबर से लगभग एक हजार राजस्वकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। बहरहाल इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से पठन-पाठन से लेकर, ग्रामीण विकास केकार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।