Lockdown Extension: आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को चलेगी विशेष पार्सल ट्रेन, यात्रियों के प्रवेश पर रोक
Indian Railways. नौ से 14 अप्रैल तक रोजाना विशेष पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। अतिरिक्त फेरों के परिचालन की संभावित तिथि मांग के अनुसार दी जाएगी।
रांची, जेएनएन। Lockdown Extension रांची रेल मंडल ने लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को केंद्र में रखकर शालीमार-रांची-शालीमार के बीच नौ से 14 अप्रैल तक रोजाना विशेष पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। अतिरिक्त फेरों के परिचालन की संभावित तिथि मांग के अनुसार दी जाएगी। किसी भी यात्री को इन ट्रेनों में प्रवेश की अनुमति नहीं नहीं दी जाएगी। प्रारंभिक स्टेशन एवं चेंज प्वाइंट पर आरपीएफ को तैनात किया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी यात्री इन पार्सल ट्रेनों में प्रवेश न कर सके।
लॉकडाउन का एक्जिट प्लान तैयार करने में जुटी झारखंड सरकार
लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने की तिथि के पहले राज्य सरकार एक्जिट प्लान पर काम कर रही है। फिलहाल राज्य में रोजाना पांच लाख लोगों तक दो वक्त के भोजन के अलावा राशन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा इन्हें कल्याणकारी पेंशन योजनाओं का भी लाभ दिया गया है। अवधि समाप्त होने के बाद लगभग 12 लाख लोगों के लिए यह व्यवस्था कम से कम अगले दो माह के लिए करनी होगी। अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के लोगों की तादाद लगभग सात लाख है और वे लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वापस लौटेंगे।
कंट्रोल रूम कर रहे 24 घंटे काम
राज्य सरकार ने लॉकडाउन के बाद की स्थितियों से निपटने के लिए पुख्ता तैयारी की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इसके तहत इस बात की कोशिश की जा रही है कि कम से कम बाहर से आने वाले लोगों को तत्काल राहत देने की योजना पर काम किया जाए। इन लोगों के आने के बाद परिस्थितियां नियंत्रण में रहे और लोगों का आना भी नियंत्रित तरीके से हो।
फिलहाल राज्य के बाहर और राज्य में रह रहे लोगों के संपर्क के लिए दो कंट्रोल रूम 24 घंटे तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं। शुरुआत में इसमें 20 हजार तक रोज शिकायतें आती थीं। शिकायतों को चिह्नित करने के बाद समस्याएं जानी गईं और उनका तत्कालिक समाधान किया गया। लोगों की पहली समस्या भोजन और रोजगार है, जिस दिशा में राज्य सरकार को काम करना होगा।
प्लान के तहत इस पर राज्य सरकार के अधिकारी फोकस कर रहे हैं। अलग-अलग चरणों में विभिन्न वर्गों से भी राहत जुटाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में धन संग्रह किया जा रहा है। फिलहाल इसके लिए कई बड़े औद्योगिक संस्थान सामने आए हैं। इसके अलावा समाज के विभिन्न वर्गों से भी सहायता की अपील की गई है।