किसी की आंखे हुई नम तो किसी ने पुराने दोस्तों को देख लगा लिया गले
राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में रविवार को 1969 बैच का मिलन समारोह हुआ।
जागरण संवाददाता, रांची : राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में रविवार को 1969 बैच के पूर्व विद्यार्थियों का मिलन समारोह हुआ। जिसे गोल्डन जुबली समारोह के रूप में मनाया गया। इस दौरान विदेश व अलग-अलग शहरों में रह रहे सभी पूर्ववर्ती छात्र-छात्राएं शामिल होकर एक-दूसरे से मुलाकात की। लंबे समय बाद दोस्तों से मिलकर सभी की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। पुराने दोस्तों व सहपाठियों से मिलने के बाद घंटों चिकित्सकों ने पुरानी यादों को आपस में साझा किया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सभी पूर्ववर्ती विद्यार्थियों के शिक्षक भी शामिल हुए। उन्हें सम्मानित किया गया। इस दौरान 1969 बैच के डॉ. विक्टर एम जेडेक ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सभी पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं का परिचय दिया। इस दौरान उन्होंने कई पुरानी यादों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे वे कॉलेज के दिनों में मस्ती किया करते थे। कैसे कॉलेज कैंपस से सभी दोस्त समूह बनाकर आपस में घूमने दूर तक निकल जाते थे। डॉ. विक्टर ने बताया कि काफी प्रयास करने के बाद सभी 1969 बैच के विद्यार्थियों को 50 सालों के बाद कैंपस में इकट्ठा किया गया है। कुछेक को छोड़कर लगभग सभी इस गोल्डेन जुबली मीट में उपस्थित हुए।
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पांच विद्यार्थियों की आत्मा की शांति कामना की
समारोह के दौरान 1969 बैच के पांच विद्यार्थियों को श्रद्धांजलि दी गई जिनका निधन हो चुका है। सभी ने उनकी आत्मा की शांति कामना की। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे की ओर बढ़ा मंच पर आकर सभी अपने पुरानी यादों की दुनिया में खोते चले गए। डॉ. रंगनाथ सिंह ने कहा कि अपने जीवन काल की इस विशाल समारोह को आयोजित करना बहुत ही कठिन था। इस कठिन प्रयासों का परिणाम इस कार्यक्रम में दिख रहा है। उन्होंने सभी को भरोसा दिलाया कि सभी दो साल के बाद पुन: मिलेंगे। सभी ने पासआउट होने के 50 साल बाद आपस में मिलकर अपने अनुभव साझा कर एक दूसरे की संगति का आनंद लिया। सभी की याद तरोताजा हो गई।
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विदेश से पहुंचे तीन डॉक्टर
इस एल्युमिनी मीट में शामिल होने के लिए 1969 बैच के तीन डॉक्टर विदेश से रिम्स पहुंचे। तीनों अपने बैच के गोल्ड मेडलिस्ट थे। डॉ. बंशीप्रसाद कश्यप अमेरिका, डॉ. हफीजुल हसन सिद्दकी अमेरिका और डॉ. अख्तर आलम इंग्लैंड में बस चुके हैं। जैसे ही उन्हें इस मीट की जानकारी मिली तीनों अपनी पत्नी के साथ अपने पुराने दोस्तों से मिलने पहुंच गए। सभी ने तीनों का अलग से स्वागत किया। वहीं अपनी पुरानी यादों को साझा करते हुए डॉ. बीपी कश्यप ने बताया कि रिम्स पहले आरएमसीएच हुआ करता था, जो उस समय से लेकर अबतक यहां का नंबर 1 संस्थान है। यहां हमने पढ़ाई के साथ काफी मस्ती की है। 1969 में आरएमसीएच से पास आउट होने के बाद डेढ़ साल यहां इंटर्नशीप किया। जिसके बाद 1971 में यूएस चला गया। वहां ब्रॉन्स लेबनॉन हॉस्पिटल में काम किया। उन्होंने बताया कि उनकी तीन बेटियां और दो बेटे हैं। सभी यूएस में कार्यरत हैं।
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टीचर भी पहुंचे स्टूडेंट्स से मिलने
इस पूरे कार्यक्रम में चार चांद तो तब लगा जब अपने 50 साल पुराने स्टूडेंट्स से मिलने उनके टीचर भी रिम्स पहुंचे। उन्हें बतौर मुख्य अतिथि शामिल किया गया था। इनमें रिम्स के पैथोलॉजी विभाग के लेक्चरर रहे पद्मश्री डॉ. एसपी मुखर्जी, फोरेंसिक मेडिसीन के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. आरएस प्रसाद, स्कीन के एसओडी डॉ. बीएन प्रसाद, सर्जरी के लेक्चरर डॉ. बीएनएस भोंसले, सर्जरी के लेक्चरर डॉ. जी दास, इएनटी के लेक्चरर डॉ. राघव शरण, न्यूरोसर्जरी के पूर्व एचओडी डॉ. हेमंत नारायण, साइकोलॉजी के लेक्चरर डॉ. अबु रहमान शामिल थे। अपने पुराने छात्र-छात्राओं को देखकर सभी शिक्षकों की आंखे नम हो गई। शिक्षकों ने भी अपनी यादें साझा करते हुए काफी बातें कही। 50 सालों बाद मिलने के बाद स्टूडेंट्स ने शिक्षकों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
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जब अमिताभ बच्चन ने कौन बनेगा करोड़पति से किया फोन
पांच रुपये में मरीजों का इलाज करने वाले पद्मश्री डॉ. एसपी मुखर्जी ने अपनी यादों के पिटारे को खोलते हुए सोनी टीवी पर पॉपुलर शो कौन बनेगा करोड़पति का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे अमिताभ बच्चन ने उन्हें फोन कर सवाल किया कि समाज कल्याण के लिए आपके क्या संदेश हैं। उन्होंने बताया कि मेरा एक ही संदेश है, हर डॉक्टर हर दिन कम से कम एक मरीज को जरूर देखे, जिससे समाज का कल्याण हो जाए। इसके बाद उन्हें कहा गया कि सर आपको बॉम्बे की टिकट भेज रहा हूं, आप आ जाए। वे नहीं गए। आगे उन्होंने बताया कि फिर सोनी टीवी से पांच लोगों की टीम रांची आई और उनका विडियोग्राफी किया। जिसे कौन बनेगा करोड़पति शो के दौरान दिखाया गया। यह उनका बहुत ही यादगार पल था। उन्होंने और भी यादें साझा की। डॉ. एचपी नारायण ने कहा कि भगवान करें कि आने वाली जुबली में सभी पुन: दोबारा मिले। उन्होंने कहा कि जितना उन्होंने अपने चेलों से सिखा उतना वे नहीं सिख सके। इसलिए भगवान से प्रार्थना की कि सभी स्टूडेंट्स जिंदगी भर विद्यार्थी बने रहे। इनके अलावा सभी शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे।