Solar Power: ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सोलर पावर बेहतर विकल्प
Solar Power कामर्शियल सेक्टर में ऊर्जा जरूरतें राज्य में बढ़ रही हैं। ऐसे में किसी भी कामर्शियल सेक्टर के लिए केवल सरकार द्वारा दी जा रही बिजली पर निर्भर रहना संभव नहीं है। सोलर एनर्जी एक बेहतर विकल्प के रूप में स्थापित हो सकता है।
रांची,जासं। कामर्शियल सेक्टर में ऊर्जा जरूरतें राज्य में बढ़ रही हैं। ऐसे में किसी भी कामर्शियल सेक्टर के लिए केवल सरकार द्वारा दी जा रही बिजली पर निर्भर रहना संभव नहीं है। इसके साथ ही सरकारी बिजली बिल की दर भी बढ़ रही है। इससे उद्यमियों पर बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में सोलर एनर्जी एक बेहतर विकल्प के रूप में स्थापित हो सकता है। यह बातें फेडरेशन चैंबर के रिन्यूअबल एनर्जी उप समिति की अध्यक्ष ज्योति कुमारी ने कहीं।
उन्होंने एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि डोमेस्टिक और कामर्शियल सब्सिडी में काफी बड़ा अंतर है। रेसिडेंसियल को 50 फीसद, सर्विस सेक्टर को 30 फीसद जबकि कामर्शियल सेक्टर को 10 फीसद सब्सिडी का प्रविधान है। कामर्शियल सेक्टर में भी सोलर एनर्जी को बढ़वा देने के लिए उसमें सब्सिडी बढाने की आवश्यकता है। कामर्शियल में बिजली की ज्यादा खपत है तथा वे अधिक बिजली उपभोग करते हैं। यदि उद्योग जगत सोलर एनर्जी की तरफ जाते हैं तो सरकार की विभागीय बिजली की बचत के साथ ही फ्यूल एवं कोल की भी बचत होगी।
उप समिति चेयरपर्सन ज्योति कुमारी ने कहा कि सरकार ने कामर्शियल सेक्टर को 10 फीसद सब्सिडी देने की जो बात कही है, उसमें यह शर्त है कि आन ग्रीड होना चाहिए। जिससे ग्रीड का खर्च तथा बैटरी का खर्च दोनों ग्राहक को वहन करना पड़ता है। इससे टोटल इनपुट कास्ट बढ़ जाता है। ऐसे में ज्रेडा द्वारा कामर्शियल वालों को सब्सिडी को 10 फीसद से कुछ प्रतिशत और बढाने पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही ग्राहकों की आशंकाओं के समाधान के लिए ज्रेडा को ग्राहकों के लिए एक टाॅल फ्री नंबर भी जारी करना चाहिए।