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झारखंड में दूर होगा बिजली संकट, आरंभ हुई 200 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति

झारखंड बिजली वितरण निगम और सेकी के साथ दो वर्ष पहले समझौता हुआ था। इसके अनुसार सेकी अब झारखंड को 700 मेगावाट बिजली अगले 25 वर्षों के लिए 2.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध कराएगा। इससे ब‍िजली संकट दूर होगी।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 09:37 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 06:54 AM (IST)
झारखंड में दूर होगा बिजली संकट, आरंभ हुई 200 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति
झारखंड बिजली वितरण निगम को सेकी 700 मेगावाट बिजली अगले 25 वर्षों तक देगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। बिजली की किल्लत झेल रहे झारखंड के यह खुशखबरी है। राज्य को 200 मेगावाटर सौर ऊर्जा की आपूर्ति आरंभ हो गई है। सोलर इनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया (सेकी) ने राज्य को यह आपूर्ति आरंभ की है।

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25 वर्षों तक 2.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से म‍िलेगी ब‍िजली

सौर ऊर्जा गुजरात के एजुन पावर द्वारा दी जा रही है। झारखंड बिजली वितरण निगम और सेकी के साथ दो वर्ष पूर्व इसे लेकर समझौता हुआ था। समझौते के अनुसार सेकी झारखंड को 700 मेगावाट बिजली अगले 25 वर्षों के लिए 2.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध कराएगा।

ट्रांसमिशन शुल्क कर दिया गया है माफ

बिजली की आपूर्ति में पावर ग्रिड कारपोरेशन ने ट्रांसमिशन शुल्क माफ कर दिया गया है। इस प्रकार राज्य को 25 वर्षों तक ट्रांसमिशन शुल्क भी नहीं लगेगा।

तीन कंप‍न‍ियों का हुआ था चयन 

सेकी द्वारा राज्य में सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली के लिए निविदा जारी हुई थी, इसमें तीन कंपनियों का चयन झारखंड में बिजली आपूर्ति के लिए किया गया। इसमें पहली कंपनी एजुन पावर ने सोमवार से 200 मेगावाट बिजली की आपूर्ति आरंभ की।

समझौते के अनुसार दर में नहीं होगा कोई पर‍िवर्तन 

राहत की बात यह है कि राज्य बिजली वितरण निगम औसतन चार रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदता है, लेकिन 25 वर्षों तक सबसे सस्ती दर 2.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिल पाएगा। इस दौरान दर में भी परिवर्तन नहीं होगा।

झारखंड को फुल लोड की आपूर्ति होगी

राज्य बिजली वितरण निगम के अधिकारियों के मुताबिक हाल के दिनों में बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा था। 200 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने से राज्य को फुल लोड की आपूर्ति होगी। फिलहाल पीक आवर में झारखंड में 1500 से 1700 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है। डीवीसी कमांड एरिया में सामान्य दिनों में 600 मेगावाट की आवश्यकता है। फिलहाल कमांड एरिया के सात जिलों में डीवीसी 300 मेगावाट की कटौती कर रहा है।


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