झारखंड में विपक्षी गठबंधन की राह में सीटों का पेच, मधु कोड़ा को लेकर भी कयास
भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस की भरसक कोशिश इस स्तर पर हो रही है कि सारे विपक्षी दलों को एक छतरी के नीचे लाया जाए।
रांची, प्रदीप सिंह। लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 सीटों पर तालमेल का गणित सुलझाने में विपक्षी दलों के पसीने छूट रहे हैं। इस कवायद में गठबंधन को झटका भी लग सकता है। हालांकि भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस की भरसक कोशिश इस स्तर पर हो रही है कि सारे विपक्षी दलों को एक छतरी के नीचे लाया जाए। इस बाबत होमवर्क तेज हो चला है। कांग्रेस की दावेदारी आठ लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की है। इसमें एक-दो सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत झाविमो और राजद की भी नजर है। इन सीटों पर खींचतान का प्रभाव दिखने भी लगा है।
संताल परगना की गोड्डा लोकसभा सीट उसमें से एक है। गोड्डा सीट पर कांग्रेस के साथ-साथ झारखंड विकास मोर्चा ने भी दावा ठोका है। इसके साथ-साथ कोडरमा और चतरा पर राजद और झारखंड विकास मोर्चा लड़ने को इच्छुक है। विपक्षी गठबंधन का तानाबाना बुन रहे नेताओं को सबसे पहले सीटों की दावेदारी पर एक राय कायम करनी होगी। अगर ऐसा नहीं हो पाया तो तालमेल टूट भी सकता है। तेज हुआ बैठकों का दौर कांग्रेस आलाकमान ने विपक्षी गठबंधन को धरातल पर उतारने की कवायद तेज की है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह स्वयं इस मुहिम में लगे हुए हैं। उन्होंने विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर उनका मन टटोला है। हेमंत सोरेन कई बार कांग्रेस के आला नेताओं से मिल चुके हैं। बाबूलाल मरांडी भी कांग्रेस नेताओं के लगातार संपर्क में हैं। उनकी कोशिश यह है कि जल्द से जल्द गठबंधन का खाका स्पष्ट हो। कांग्रेस एक-एक सीट पर माथापच्ची कर रही है।
पार्टी की योजना है कि विवाद को कमोबेश कम किया जाए ताकि विपक्षी गठबंधन धरातल पर उतार सके। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो विधानसभा चुनाव में तालमेल करने में आसानी रहेगी।
कोड़ा को लेकर भी कयास
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनकी विधायक पत्नी गीता कोड़ा के भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन में आने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि गीता कोड़ा फिलहाल राज्य में एनडीए विधायक दल की बैठकों में अधिकतर नजर आती है लेकिन विपक्षी खेमे में इस बाबत सुगबुगाहट है। अगर बात आगे बढ़ी तो सिंहभूम सीट पर ये दावेदारी कर सकते हैं।
इन सीटों पर कांग्रेस की तैयारी
रांची, हजारीबाग, खूंटी, लोहरदगा, धनबाद, गोड्डा, पलामू और जमशेदपुर।
तीर-कमान की यहां नजर
दुमका, राजमहल, गिरिडीह, जमशेदपुर, सिंहभूम।
झाविमो और राजद का लक्ष्य
चतरा, कोडरमा, गोड्डा, पलामू।