Jharkhand: वित्तीय अनियमितता के खिलाफ कार्रवाई को निरस्त करने का एकल पीठ का आदेश खारिज
Jharkhand News High Court News एकल पीठ ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड के उस आदेश को निरस्त कर दिया था जिसमें यूनिवर्सिटी ने मेडिकल पदाधिकारी डाॅ. ईश्वरचंद्र को वित्तीय अनियमितता के मामले में निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू की थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डाॅ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सेंट्रल यूनिवर्सिटी, झारखंड के एक मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया और अदालत ने कहा कि चिकित्सा पदाधिकारी के खिलाफ तीन माह के अंदर विभागीय कार्रवाई को पूरी करें। एकल पीठ ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी, झारखंड के उस आदेश को निरस्त कर दिया था, जिसमें यूनिवर्सिटी ने मेडिकल पदाधिकारी डाॅ. ईश्वरचंद्र को वित्तीय अनियमितता के मामले में निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू की थी।
एकल पीठ के आदेश के खिलाफ सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने हाई कोर्ट की खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मनोज टंडन ने बताया कि डाॅ. ईश्वरचंद्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी में चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में नियुक्त हुए थे। नौ मई 2019 को वित्तीय अनियमितता के आरोप में इनको निलंबित कर दिया गया। इसके खिलाफ डाॅ. ईश्वरचंद्र ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। एकल पीठ ने सुनवाई के बाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की ओर से इनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई को निरस्त कर दिया।
उन्होंने अदालत को बताया कि डाॅ. ईश्वरचंद्र के खिलाफ यूनिवर्सिटी अभी आरोप गठित कर कार्रवाई कर रही है। एकल पीठ को इस वक्त इस मामले में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में एकल पीठ के आदेश को निरस्त किया जाए। इस पर अदालत ने एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया। अदालत ने यूनिवर्सिटी को कहा कि इस मामले में तीन माह के अंदर सारी कार्रवाई पूरी कर ली जाए।