दो किलो मालदह आम = एक किलो हाइब्रिड टमाटर
जागरण संवाददाता रांची सीजन आम का है। मालदह दशहरी लंगड़ा और न जाने कितनी वेराइटी के अ
जागरण संवाददाता, रांची : सीजन आम का है। मालदह, दशहरी, लंगड़ा और न जाने कितनी वेराइटी के आम बाजार में है। वैसे टमाटर ऑल सीजन सब्जी है। पर आमों के सीजन में टमाटर मूल्यवान हो गया है। आप सौ रुपये में दो किलो मालदह खरीदेंगे, लेकिन इतने ही रुपयों में एक टमाटर एक किलो ही मिल पाएगा। टमाटर हाइब्रिड मिलेगा। वैसे सामान्य टमाटर की कीमत भी 80 रुपये तक पहुंच गई है। इसका रेट भी अलग-अलग बाजारों में अलग है। नागाबाबा खटाल में 70 रुपये प्रति किलो तो कोकर बाजार में 75 रुपये प्रति किलो। बूटी मोड़ के पास 80 रुपये किलो तो बरियातू में 70 रुपये प्रति किलो।
केवल टमाटर ही नहीं, दूसरी सब्जियों के भाव भी चढ़ गए हैं। फ्रेंचबीन, फूलगोभी, शिमला मिर्च, कद्दू, भिंडी आदि सब्जियां भी 50 रुपये से ऊपर हैं।
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क्या है कारण
दरअसल, मानसून शुरू होने से गरमा सब्जियों के पौधे गल गए हैं। ऐसे में व्यापारी दूसरे राज्यों से सब्जियां मंगा रहे हैं। डेली मार्केट के सब्जी व्यापारी राशिद रजा बताते हैं कि हर साल इस वक्त रांची का बाजार चलानी सब्जियों पर निर्भर रहता है। कई बार तो फ्रेश फूलगोभी भी बंगाल और बेंगलुरु से मंगवानी पड़ती है। ऐसे में माल भाड़ा और रखरखाव का खर्च ज्यादा होने से बाजार में सब्जियों की कीमत में इजाफा हुआ है। वो कहते हैं अभी जिन किसानों ने अगाती सब्जी लगाई है वे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
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कहां से कौन सी सब्जी आ रही
हरा धनिया बंगाल से
टमाटर, फ्रेंचबीन और शिमला मिर्च बेंगलुरु से
कई अन्य सब्जियां भी बंगाल से मंगाई जा रही है।
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अगाती बरसाती सब्जी लगाने पर फायदा ही फायदा
पिठोरिया के प्रगतिशील किसान राजेंद्र साहू बताते हैं कि हर साल अपने घर के पीछे वाले खेत में अगाती बरसाती सब्जी लगाते हैं। जुलाई से जब बाजार में सब्जियां महंगी होती हैं तो उनकी सब्जी निकलनी शुरू हो जाती है। इससे मुनाफा अच्छा हो जाता है। राजेंद्र साहू बताते हैं कि वर्तमान में खेती-किसानी भी दिमाग लगाकर करने की जरूरत है। हर दो मौसम के बीच में एक फल और सब्जी का गैप होता है। ऐसे में जो किसान अगाती सब्जी लगाते हैं वो आम किसानों से पहले अच्छी कमाई कर लेते हैं। अगर सभी किसान अगाती सब्जी लगाना शुरू कर दें तो शहर में सब्जियों के दाम में इतना अंतर कभी नहीं पड़ेगा। साथ ही हम अन्य राज्यों को भी सब्जी की सप्लाई कर पाएंगे।
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आलू-प्याज की कीमत स्थिर
रांची में प्याज नासिक के बजाय मध्य प्रदेश की मंडी से आ रहा है। शहर में प्याज और आलू की आपूर्ति सामान्य है। प्रतिदिन पंडरा में 30-35 ट्रक आलू और प्याज के आ रहे हैं। पंडरा बाजार समिति के थोक आलू विक्रेता संतोष साहू बताते हैं कि आलू की कीमतों में माल भाड़ा बढ़ने से थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। वहीं प्याज के दाम इस महीने के बाद बढ़ने की आशा है। उस वक्त प्याज बोने का समय होगा। हर साल अगस्त से सितंबर के बीच प्याज के दामों में वृद्धि होती है।
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सब्जियां रेट (रुपये प्रति किलो)
टमाटर 100
आलू सफेद 25
आलू लाल 32
प्याज 30
फूलगोभी 40
परवल 40
स्वीट कोर्न 40
फ्रेंचबीन 40
भिंडी 40
मूली 25
धनिया 80
कच्चा केला 30
बोरो 40
मकई 20
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रूगड़ा 500 रुपये
बस करैल 120 रुपये
कुकरी 400 रुपये