अंचलाधिकारी ने रैयती जमीन को बताया अतिक्रमण, शो कॉज Ranchi News
रांची में पीड़िता के आवेदन पर लोकायुक्त ने संज्ञान लिया। अंचलाधिकारी पर भूमि माफिया के साथ मिलकर बिना ठोस कारण के दो-दो बार आवेदन अस्वीकृत करने का आरोप लगाया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। कांके के पूर्व अंचलाधिकारी प्रभात भूषण सिंह पर गलत तरीके से दाखिल खारिज के आवेदन को अस्वीकृत करने का आरोप लगा है। डीसी के आदेश पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी की विभागीय जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है। इसके बाद लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। पूछा गया है कि दो-दो बार बिना किसी ठोस कारण के एक पीड़िता के आवेदन को अस्वीकृत किया गया। बाद में जब वरीय अधिकारियों ने संज्ञान लिया, तो दूसरे अंचलाधिकारी ने कागजात को सही पाते हुए उक्त जमीन का दाखिल खारिज किया और शुद्धि पत्र निर्गत किया।
शिकायतकर्ता हिदपीढ़ी की रहने वाली तब्बसुम आरा हैं। उन्होंने लोकायुक्त कार्यालय में 04 दिसंबर 2018 को आवेदन देकर तत्कालीन अंचलाधिकारी (सीओ) प्रभात भूषण सिंह की शिकायत की थी। शिकायत में बताया कि उसने अपनी 21 डिसमिल खरीदी हुई जमीन के दाखिल खारिज के लिए आवेदन दिया, तो तत्कालीन अंचलाधिकारी प्रभात भूषण सिंह ने 17 जून 2018 को यह कहकर अस्वीकृत कर दिया कि दस्तावेज अस्पष्ट हैं। दूसरी बार आवेदन देने पर इसी अंचलाधिकारी ने 17 नवंबर 2018 को यह कहकर आवेदन अस्वीकृत किया कि उक्त जमीन गैरमजरूआ है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि एक भूमि माफिया को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया, ताकि वे लोग अपनी जमीन बेच दें।
इधर, लोकायुक्त के आदेश पर डीसी ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी से पूरे प्रकरण की जांच कराई, तो अंचलाधिकारी दोषी मिले। जांच रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि अंचलाधिकारी ने जान-बूझकर पीड़िता के आवेदन को बिना पड़ताल किए अस्वीकृत किया और गलत तर्क दिए।