व्रतधारियों के सम्मान में निकली शोभायात्रा
दशलक्षण पहापर्व के अवसर पर श्री दिगंबर जैन पंचायत की ओर से व्रतियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विशाल शोभायात्रा निकाली गई, सुबल महाराज ने सभी को आशीर्वाद दिया।
जागरण संवाददाता, रांची : दशलक्षण पहापर्व के अवसर पर श्री दिगंबर जैन पंचायत की ओर से दशलक्षण व्रत करने वाले व्रतधारियों को सम्मानित किया गया। सोमवार को अपर बाजार स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर परिसर में सभी व्रतधारियों का अभिनंदन पत्र, माला, पुस्तक, तिलक लगाकर किया गया। इसके बाद गाजे-बाजे के साथ समाज के लोगों ने भव्य सम्मान शोभायात्रा निकाली। सभी व्रतधारियों को उनके आवास तक पहुंचाया गया। इसके पूर्व मंदिर सभागार में व्रतधारियों का सामूहिक पारण कराया गया। इस मौके पर सभी व्रतधारियों ने सुबह मंदिर परिसर में भगवान जिनेंद्र देव के दर्शन व पूजा की। मौके पर मुनि 108 श्री सुबल सागर महाराज ने कहा कि संयम साधना करने वाले बड़े- बड़े कार्य कर सकते हैं। पर्वो की चर्चा जब भी चलती है, तब उसे खाने-पीने से जोड़ा जाता है। जैसे रक्षा बंधन के दिन लड्डू, मिठाइया खायी जाती है और राखी बाधी जाती है। होली के दिन अनेक पकवान बनाए जाते हैं। रंग डाला जाता है। किंतु पर्यूषण पर्व में खाना पीना छोड़ने की मुख्यता है। दस दिनों तक भूखा वही रह सकता है जिसके अंदर धर्म के प्रति श्रद्धा रहती है। धर्म होता है, तो चेहरा खिला होता है। बनावटी धर्म करनें वाले का चेहरा मुरझाया रहता है। मुनि श्री ने कहा कि संसार में परिवार, दोस्त, मित्र सब मिलते हैं। वो संसार से निकालने के लिए नहीं संसार में फंसाने के लिए मिलते हैं। संसार में फंसानें की चर्चा सब करते है। इससे निकालनें की चर्चा कोई नहीं करता। उन्होंने कहा कि साधना का मार्ग ही श्रेष्ठ है। यह मानव जीवन को श्रेष्ठ बना सकता है।
इनका हुआ सम्मान
श्री सुबल सागर जी महाराज के सानिध्य में 12 श्रद्धालुओं ने 10 दिनों का निर्जला व्रत रखकर कठोर साधना की। इसमें मीना देवी जैन, शशि देवी चादूवाड़, कमल विनायका, प्रियंका चादूवाड़, प्रिया वाकलीवाल, स्मिता काशलीवाल, अनिता काला, चित्रा गोधा, पीयूस झाझरी, ऋषभ पाड्या और महेद्र पाड्या शामिल हैं।
इन्होंने किया स्वागत
दशलक्षण व्रतधारियों का स्वागत करने वालों में दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष पद्म छाबड़ा, मंत्री संजय छाबड़ा, पूर्व अध्यक्ष नरेद्र पाड्या, धर्मचंद जैन रारा, महावीर प्रसाद सोगानी, कलम पापड़ीवाल, पुरनमल सेठी, प्रदीप वाकलीवाल, छीतरमल गंगवाल, उमेदमल काला, प्रदीप काला, अरूण गंगवाल, बिमल छाबड़ा, टीकमचंद झाझरी, राजकुमार विनायका, अजीत सेठी, संतोष पाटनी, प्रकाशचंद सेठी, सुभाष विनायका, कमल पापड़ीवाल, राजकुमार पाड्या, सुबोध सेठी आदि शामिल थे।