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जर्जर बोगी, गंदगी व फटी सीट, रांची-पटना जनशताब्दी की बनी पहचान

रांची रांची-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस भले ही एक्सप्रेस ट्रेन की श्रेणी में हो लेकिन इसका रखरखाव व साफ-सफाई की व्यवस्था पैसेंजर ट्रेन से भी बदतर हो चुकी है। न तो ट्रेन की सफाई होती है और न ही ट्रेन की सीटें बैठने लायक है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 05:53 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 08:22 AM (IST)
जर्जर बोगी, गंदगी व फटी सीट, रांची-पटना जनशताब्दी की बनी पहचान

जागरण संवाददाता, रांची : रांची-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस भले ही एक्सप्रेस ट्रेन की श्रेणी में हो लेकिन, इसका रखरखाव व साफ-सफाई की व्यवस्था पैसेंजर ट्रेन से भी बदतर हो चुकी है। न तो ट्रेन की सफाई होती है और न ही ट्रेन की सीटें बैठने लायक है। सीटें इतनी जर्जर हो चुकी है कि जैसे-तैसे यात्री अपनी यात्रा पूरी करते हैं। यानी मजबूरी में यात्री सफर को मजबूर हैं। रांची-पटना रूट की इस सबसे बेहतर ट्रेन की नरकीय स्थिति में सुधार कैसे हो अधिकारियों को कोई लेना देना नहीं है। व्यवस्था कैसे सुधरे इसको लेकर रेलवे के अधिकारी आंखें बंद किए हुए हैं। उनका कहना है कि जब रांची में रेलवे का जोनल मुख्यालय बन जाएगा तो समस्या का समाधान जल्द हो जाएगा। ट्रेन की बोगी बया कर रही बदहाली की कहानी :

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बोगी को देखने से ही लगता है कि कितने दिनों से इसकी धुलाई नहीं हुई है। इस ट्रेन की स्थिति ऐसी हो गई है कि जिस स्थिति में यह पटना से रांची पहुंचती है उसी स्थिति में पटना के लिए रवाना हो जाती है। यहां इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। पूरे ट्रेन में गंदगी पसरी रहती है, जिसे देखने वाला कोई नहीं। शिकायतों के बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। रेलवे के अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर काम पूरा मान लेते हैं। शौचालय में जाने से पहले चार बार सोचते हैं यात्री :

ट्रेन के शौचालय की स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि कोई भी यात्री शौचालय में जाने से पहले चार बार सोचता है। ऐसे में गंदगी से कोई भी यात्री संक्रमण का शिकार हो सकता है। कोच के दर्जनों पंखे हो चुके हैं खराब, सीटें भी आरामदायक नहीं :

कोच में लगे दर्जनों पंखे ऐसे है, जो खराब पड़े हुए हैं। सीटें ऐसी है कि एक घंटा भी आप आराम से सफर नहीं कर सकते। दर्जनों सीटें ऐसी है जो फट चुकी है लेकिन इसे बदलने की हिम्मत रेलवे के अधिकारी नहीं उठा रहे हैं। यानी इस ट्रेन को अपने हाल पर छोर दिया गया है। रांची रेल मंडल यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि इसके रखरखाव की जिम्मेदारी उनकी नहीं है, बल्कि पटना की है। जोनल मुख्यालय भी सुविधाएं बढ़ाने को लेकर उदासीन

रेलवे के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रांची में जोनल मुख्यालय बन जाने के बाद इन समस्याओं का जल्द समाधान होगा। अभी पत्र लिखते रहते हैं लेकिन इस दिशा में कार्रवाई नहीं होती। हर छोटी-मोटी समस्या के लिए जोनल मुख्यालय को पत्र लिखने की जरूरत पड़ती है। जिस वजह से समस्या के समाधान में वक्त लगता है। क्या कहते हैं अधिकारी

इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। यात्रियों की परेशान हो रही है तो इसका समाधान किया जाएगा। -नीरज कुमार, सीपीआरओ, रांची


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