शब-ए-बारात में गुलजार होंगी कब्रिस्तानें, रात भर की जाएगी इबादत; तैयारी में जुटे लोग
राजधानी में शब-ए- बारात का त्यौहार 28 मार्च की रात को मनाया जाएगा। शहर की सभी कब्रिस्तानों में रात को लोग पहुंच कर अपने अपने पूर्वजों की कब्र पर फातिहा पढेंगे और रोशनी की जाएगी। रात भर मस्जिदों में इबादत होगी। इसके लिए मस्जिदों को भी सजाया गया है।
रांची, जासं । राजधानी में शबे बरात का त्यौहार 28 मार्च की रात को मनाया जाएगा। शहर की सभी कब्रिस्तानों में रात को लोग पहुंच कर अपने अपने पूर्वजों की कब्र पर फातिहा पढेंगे और रोशनी की जाएगी। रात भर मस्जिदों में इबादत होगी। इसके लिए मस्जिदों को भी सजाया गया है। कांटाटोली कब्रिस्तान और डोरंडा कब्रिस्तान समेत शहर की सभी कब्रिस्तान में पहुंचकर लोग अपनों की कब्र पर मिट्टी चढ़ा रहे हैं।
शबे बरात यानी निजात की रात। मान्यता है कि इस रात जो भी शख्स इबादत करता है। उसके गुनाह माफ किए जाते हैं। इसीलिए लोग इस रात को रात भर इबादत करते हैं। इस्लाम में ऐसी चार रातें हैं, जिनमें लोग निजात हासिल करने के लिए रात भर इबादत करते हैं। इनमें पहली आशूरा की रात, दूसरी शबे मेराज, तीसरी शबे बरात और चौथी शबे कद्र है। रविवार को दिन में अरफा है। इसमें लोग अपने गुजर चुके लोगों निजात के लिए दुआएं मांगते हैं और फातिहा करते हैं। शाम को लोग कब्रिस्तान में जाकर चिरांगां करते हैं और कब्र पर फातिहा पढ़ा जाता है। रात को मस्जिदों में इबादत की जाती है। साथ ही जब इबादत के साथ ही महफिले मिलाद भी सजाई जाती है।
शिया मुसलमान मनाते हैं इमाम मेहंदी का जन्मदिन
शबे बरात के दिन हजरत पैगंबर अकरम मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम के बारे में खलीफा इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम का जन्मदिन भी है। शिया मुसलमान कब्रिस्तान में अपनों के कब्र पर फातिहा पढ़ने और रात भर इबादत करने के अलावा इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम का जन्मदिन भी धूमधाम के साथ मनाते हैं। हिंदपीढ़ी के मोहम्मद अली बताते हैं कि इस मौके पर पटाखे दागे जाते हैं और महफिले मिलाद का भी आयोजन होता है। इमाम महदी अलैहिस्सलाम की शान में कसीदे पढ़े जाते हैं।