पिस्का के 10 चापाकलों में सात खराब, पेयजल संकट गहराया
ओरमांझी प्रखंड के आदिवासी बहुल्य गांव पिस्का में इन दिनों पेयजल संकट गहरा गया है।
चुटूपालू : ओरमांझी प्रखंड के आदिवासी बहुल्य गांव पिस्का में इन दिनों पेयजल संकट गहरा गया है। कारण है यहां गाड़े गए 10 चापाकलों में सात का खराब होना। तीन जो सही हैं उनमें से बड़ी मुश्किल से ही पानी निकल रहा है। वहीं, तमाम जलस्रोत भी सूख गए हैं। इस कारण यहां के लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए यहां पर सरकार की ओर से 10 चापाकल गाड़े गए थे। पर, देखरेख के अभाव में सात तो पूरी तरह से खराब हो गए हैं। जो सही भी हैं उसमें से बड़ी मुश्किल से एक बाल्टी पानी आता है। इस कारण इन चापाकलों पर ग्रामीणों को कतार में लगकर पानी लेना पड़ रहा है। गाव के सामाजिक कार्यकर्ता शंकर बेदिया, पंचित बेदिया आदि ने बताया कि पिछले कुछ साल पूर्व तक यहां के जलस्रोतों में लबालब पानी भरा रहता था। पर, जब से इस क्षेत्र में पहाड़ के पत्थरों का बेरोकटोक तोड़ाई चालू हुआ है और बडे़ बैगन डील से पत्थरों की ब्लास्टिंग होने लगी है, तब से पानी का लेबल दिन प्रतिदिन घटने लगा है। अब तो कुएं के साथ चापाकल का भी पानी सूख गा है। इस वजह से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि यहां पर डीप बोरिंग कर चापाकल लगाया जाए, ताकि लोगों को जल संकट का सामना न करना पडे़।
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गांव में है बुनियादी सुविधाओं का अभाव
पिस्का गांव में बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है। यहां आने के लिए पक्की सड़क तक नहीं है। कच्ची सड़क से ही यहां के लोग आना-जाना करते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य की भी कमोवेश यही स्थिति है।