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Dr. KK Sinha Neurologist: जिंदगी से रुखसत हुआ जीवन देने वाला; स्‍मृति शेष

Dr. KK Sinha Neurologist. डॉ कृष्णकांत सिन्हा ने 1953 में एमबीबीएस की परीक्षा पास की। मेडिसीन में ऑनर्स के साथ गोल्ड मिला। वे बिहार के पटना मनेर के रहनेवाले थे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 01:15 PM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2019 07:15 AM (IST)
Dr. KK Sinha Neurologist: जिंदगी से रुखसत हुआ जीवन देने वाला; स्‍मृति शेष
Dr. KK Sinha Neurologist: जिंदगी से रुखसत हुआ जीवन देने वाला; स्‍मृति शेष

रांची, [जागरण स्‍पेशल]। Dr. KK Sinha Neurologist - डॉ के के सिन्हा। जब जिंदगी की आस खत्‍म हो जाती है, तब उम्मीदों के साथ शिद्दत से याद किए जाने वाले देश के जाने-माने न्‍यूरोलॉजिस्‍ट। याद नहीं कितने लोग ऐसे होंगे जिनका जीवन डॉ सिन्‍हा ने दो रुपए की दवाई देकर बचाई होगी। बिहार राज्‍य के पटना जिले के मनेर में एक साभ्रांत परिवार में जन्‍मे डॉ सिन्‍हा का पूरा नाम कृष्णकांत सिन्हा था ।

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मरीजों को देखने की ऐसी धुन, क्या दिन क्या रात
मरीजों को देखने की ऐसी धुन शायद ही किसी डॉक्टर में दिखे। क्या दिन क्या रात। बस मरीजों को देखते ही जाते। जब तक अंतिम मरीज को देख नहीं लेते तब तक चैम्बर से उठते नहीं थे। यह डॉ केके सिन्हा का जुनून था। शुक्रवार को डॉक्टर केके सिन्हा के निधन की जानकारी मिलते ही बरियातू स्थित उनके आवास पर लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हुई। सब ओर यही चर्चा कि अपने  प्रोफेशन के प्रति डॉक्टर सिन्हा जीवन भर समर्पित रहे। उनके लिए मरीजों को देखना, उन्हें ठीक करना यही पैशन था। डॉ. के के सिन्हा मरीज को खुद ही नंबर देते थे। 

डॉ के के सिन्हा का जन्म पटना जिले के मनेर में हुआ था। उनका पूरा नाम डॉक्टर कृष्णकांत सिन्हा था। गांव से ही उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। तब उन्होंने बीएचयू से इंटर साइंस की पढ़ाई की। जब वह बीएचयू से पढ़ाई कर रहे थे तब डॉ राधाकृष्णन जो आगे चलकर भारत के राष्ट्रपति बने वाइस चांसलर थे।  बीएचयू से पढ़ाई के बाद डॉक्टर सिन्हा ने पटना मेडिकल कॉलेज में दाखिले की इच्छा जताई। हालांकि, दरभंगा मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया।

डॉ केके सिन्हा ने 1948 में दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई  की थी। 1953 में एमबीबीएस की परीक्षा पास की। उन्हें मेडिसीन में ऑनर्स के साथ गोल्ड मिला। फरवरी 1958 में वे इंग्लैैंड गए थे। एडिनबर्ग में उनका दाखिला हुआ था। इंग्लैंड में उन्होंने न्यूरोलॉजी में एमडी और एफआरसीपी की डिग्री हासिल की।

जिसके बाद वर्ष 1962 में उन्होंने रिम्स से प्रैक्टिस की शुरुआत की थी। इस बीच उन्हें अमेरिका में भी प्रैक्टिस करने का अवसर मिला।1976 से उन्होंने रांची स्थित घर पर भी मरीजों को देखना शुरू किया था। डॉ के के सिन्हा 89 साल के थे। परिवार में पत्नी, एक बेटा, बहू, पोती और एक पोता है। 

चिकित्सा से अलग म्यूजिक से भी प्रेम
डॉ सिन्हा को क्लासिकल म्यूजिक का हमेशा से शौक रहा। उनके संग्रह में एक से बढ़कर एक गीतों का कलेक्शन था। किताबें पढ़ने का भी उन्हें शौक था। रिसर्च पेपर के अध्ययन में उनका अधिक समय गुजरता था।


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