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RIMS Ranchi: विजिलेंस से चिढ़े वरिष्ठ चिकित्सक रिम्स छोड़ने को तैयार, VRS की तैयारी; जानें क्‍या हुआ

RIMS Ranchi वरिष्ठ चिकित्सकों के बीच संयुक्त रूप से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने के लिए तैयार प्रारूप को बांटा गया। इसे सीएम से मिलने के बाद प्रबंधन को सौंपा जाएगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 08:42 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 08:42 AM (IST)
RIMS Ranchi: विजिलेंस से चिढ़े वरिष्ठ चिकित्सक रिम्स छोड़ने को तैयार, VRS की तैयारी; जानें क्‍या हुआ
RIMS Ranchi: विजिलेंस से चिढ़े वरिष्ठ चिकित्सक रिम्स छोड़ने को तैयार, VRS की तैयारी; जानें क्‍या हुआ

रांची, जेएनएन। RIMS Ranchi स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित स्पेशल विजिलेंस कमेटी की छापेमारी और कार्रवाई के बाद राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के सीनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को टेलीमेडिसीन विभाग के सभागार में बैठक की। चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई पर असंतोष जताया। बैठक में वरिष्ठ चिकित्सकों के बीच संयुक्त रूप से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने के लिए तैयार प्रारूप को बांटा गया। इसे सीएम से मिलने के बाद प्रबंधन को सौंपा जाएगा। 

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रिम्स टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि बैठक में विभाग की कार्रवाई व वीआरएस मुख्य मुद्दा रहा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से रिम्स के सभी सीनियर डॉक्टर आहत हैं। पूर्व में भी रिम्स के चार डॉक्टरों ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया है। इनमें पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके श्रीवास्तव, मेडिसीन के डॉ. विद्यापति व डॉ. संजय कुमार तथा सर्जरी विभाग के डॉ. विनय प्रताप शामिल हैं।

डॉ. प्रभात ने बताया कि वीआरएस के लिए जो प्रारूप तैयार किए गए हैं, उसे 12 डॉक्टरों ने लिया है। ये 12 डॉक्टर वीआरएस के लिए इच्छुक हैं। अगर स्वास्थ्य विभाग व रिम्स प्रबंधन इसी तरह डॉक्टरों को कार्रवाई के नाम पर परेशान करता रहेगा, तो वीआरएस लेने वाले चिकित्सकों की संख्या और बढ़ती जाएगी। उन्होंने कहा कि सीएम से मुलाकात के बाद सभी डॉक्टर रिम्स प्रबंधन को वीआरएस का आवेदन सौपेंगे।

मुख्यमंत्री से मिलकर एनपीए को वैकल्पिक तौर पर लागू करने का सौपेंगे ज्ञापन

रिम्स के सीनियर डॉक्टरों ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनसे मदद की गुहार लगाने पर विचार किया है। डॉ. प्रभात ने बताया कि सभी मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार एनपीए (नन प्रैक्टिसिंग एलाउंस) को ऑप्शनल के तौर पर लागू करे। उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री का हवाला देते हुए कहा कि पूर्व में उनसे वार्ता हुई थी, जिसके अनुसार उन्होंने कहा था कि अगर ड्यूटी आवर में किसी मरीज को सलाह की आवश्यकता होगी, तो उन्हें सलाह दें। इसके अलावा उन्होंने ड्यूटी आवर में सिर्फ रिम्स के मरीजों को देखने की बात भी कही थी।


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