RIMS Ranchi: ठंड में मरीजों के बढ़ने से अस्पतालों में कम पड़े बेड, रिम्स में फर्श पर लेटाकर हो रहा इलाज
Seasonal Disease Increased in Cold रिम्स के मेडिसिन के छह यूनिट में 300 बेड की क्षमता है। मरीजों के बढ़ने से अब फर्श पर भी इलाज शुरू हो चुका है। करीब 60 फीसद मरीज को परामर्श देने के बाद डिस्चार्ज कर दिया जा रहा है।
रांची, जासं। Seasonal Disease Increased in Cold बढ़ते ठंड के साथ मौसमी बीमारी ने भी अपना कहर शुरू कर दिया है। झारखंड के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले तीन दिनों में ही ठंड, बुखार, सर्दी-खांसी आदि बीमारियों के 80 से अधिक मरीज भर्ती हो चुके हैं। जबकि ओपीडी में मेडिसिन विभाग में रोजाना 150 से 200 मरीजों की संख्या देखी जा रही है। 10 फीसद से अधिक मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। उन्हें अगले दिन बुलाया जा रहा है।
मेडीसीन विभाग के यूनिट इंचार्ज डॉ. बी कुमार ने बताया कि वर्तमान में मौसम परिवर्तन से सबसे अधिक परेशानी वृद्ध और बच्चो में देखने को मिल रही है। 12 साल तक के बच्चे और 55 से 65 तक के बुजुर्गों में मौसम में नमी के कारण सर्दी-बुखार के लक्षण दिख रहे हैं। करीब 60 फीसद मरीज को परामर्श देने के बाद छोड़ा जा रहा है, जबकि 40 फीसद मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
बताते चलें कि मेडिसिन विभाग में 6 यूनिट हैं। सभी में 50-50 बेड की क्षमता है। जबकि 2 यूनिट यानी डी 1 और डी 2 वार्ड कोविड वार्ड के रूप में तब्दील है। ऐसे में चार यूनिट में 200 बेड भरने के बाद अब मरीजों का इलाज फर्श पर भी शुरू हो चुका है। यहां ठंड के मौसम में मरीजों को अधिक ठंड में दिन और रात गुजारना पड़ रहा है।
'ठंड बढ़ने से मौसमी बीमारी के मरीजों में इजाफा हुआ है। बेड की कमी के कारण मजबूरन फर्श पर मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है। जनवरी में मेडिसिन के दो वार्ड जो कोविड में तब्दील हैं। उसे हैंड ओवर लेकर सामान्य मरीजों को भर्ती किया जाएगा।' -डॉ जेके मित्रा, विभागाध्यक्ष, मेडिसिन विभाग, रिम्स।